काम करने में दिक्कत हो तो अधिकारी सीधे मुझे बतायें मैं हर समय उपलब्ध हूँ: योगी 

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार के अधिकारियों से काम करने में शासन स्तर पर अपेक्षित सहयोग न मिलने की स्थिति में सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को बेहिचक अवगत कराने के लिये कहा है।

योगी ने शनिवार को देर शाम प्रदेश के सभी मंडल, रेंज, जोन, पुलिस कमिश्नरेट और जनपद में तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों तथा विकास प्रधिकरणों के उपाध्यक्षों के साथ कानून व्यवस्था, विकास याेजनाओं और बाढ़ सहित अन्य प्रमुख विषयों पर समीक्षा बैठक में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि जनहित के कार्यों को करने में यदि उन्हें कोई असुविधा हो रही हो, शासन स्तर से अपेक्षित सहयोग न मिल रहा हो, तो बेहिचक मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित करें। उन्होंने कहा, "मैं स्वयं 24 घंटे सातों दिन आपकी समस्याओं को सुनने और समाधान करने के लिए उपलब्ध हूँ, बिना संकोच मुझसे संपर्क करें।"

बैठक में योगी ने राज्य में सभी नगरों के विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों से उनकी कार्ययोजना रिपोर्ट तैयार करने का आदेश देते हुए कहा कि वह जल्द ही सबके काम की समीक्षा करेंगे और इसमें गड़बड़ी मिलने पर जवाबदेही भी तय होगी। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरणों को अपनी कार्यशैली को और बेहतर बनाने के लिये कहा।

योगी ने कहा कि जनहित के आवेदनों को अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए। हर विकास प्राधिकरण अपनी भावी कार्ययोजना तैयार कर ले। लैंडबैंक विस्तार के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी विकास प्रधिकारणों की समीक्षा की जाएगी। विकास परियोजनाओं के लिए वितीय स्वीकृतियां अनावश्यक लंबित न रखी जाएं। जारी की जाने वाली धनराशि की हर तीन दिन के अंतराल पर शासन स्तर पर समीक्षा की जाए।

बैठक में उन्होंने नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ सघन अभियान चलाने और कठोरता के साथ विधिसम्मत कार्रवाई करने के निर्देश दिये। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ बड़ा अभियान प्रारंभ किया है। योगी ने कहा कि पहले जहरीली शराब से असमय मृत्यु की कई दुःखद घटनाएं हुयी। इनकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। इसके लिए हर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से लेकर थानाध्यक्ष तक सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

योगी ने कहा कि प्रदेश में हुक्का बार प्रतिबंधित हैं, इनका संचालन किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। बेहतर टीम वर्क के साथ ड्रग माफियाओं के खिलाफ यह राज्यव्यापी अतिमहत्वपूर्ण अभियान शनिवार को रात से बड़े आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नशे के अंधेरे में धकेलने वाले ऐसे समाजविरोधी तत्वों की सूक्ष्मता से पड़ताल करें। थाना स्तर पर हर छोटे-बड़े अराजक तत्वों की सूची तैयार की जाए। इनके अड्डों पर औचक छापेमारी की जाए। रेलवे स्टेशन के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ाएं। 


जीरो टॉलरेंस के साथ कठोर कार्रवाई करते हुए प्रदेश को ड्रग माफिया से मुक्त कराने की कार्यवाही हो। योगी ने कहा कि गड़बड़ी की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष की प्राथमिक जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। इस अभियान में लापरवाही कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।

योगी ने कुसंगति के कारण नशे की चपेट में आ चुके युवाओं के चिकित्सकीय उपचार, काउंसिलिंग और पुनर्वास के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने को कहा। स्थानीय स्तर पर अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं इस दिशा में कार्य कर रही हैं, उनका सहयोग लेकर नशा मुक्ति के लिए प्रयास किया जाएं। साथ ही इस दिशा में बच्चों को भी विभिन्न माध्यमों से जागरुक किया जाये।

मुख्यमंत्री ने सभी जिला प्रशासन को अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड या रिक्शा स्टैंड संचालित नहीं होने देने के निर्देश दिये। ऐसे स्टैंड अवैध वसूली को बढ़ावा देते हैं। योगी ने कहा कि जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए।

प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि यमुना और चंबल नदियों में जलस्तर बढ़ने से प्रदेश के 18 जनपदों में आम जनजीवन प्रभावित होने की सूचना है। गंगा और बेतवा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। यद्यपि अब सभी जगह जलस्तर में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज, वाराणसी, बलिया इटावा, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, मिर्जापुर, बलिया आदि जनपदों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए। प्रभावित क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। वरिष्ठ अधिकारी गण प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कैम्प करते रहें।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी तथा आपदा प्रबंधन की टीमें हर पल सक्रिय रहें। इस स्थिति में उन्होंने आपदा प्रबंधन मित्र और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता लेने की भी जरूरत पर बल देते हुए निर्देश दिया कि जिलाधिकारी नौकाओं, राहत सामग्री आदि का प्रबंध भी कर लें।

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