गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बाढ़ पीड़ित हालातों के आगे लाचार हैं। पानी ज्यों-ज्यों बढ़ रहा है लोग घर खाली कर रहे है। बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों को वर्तमान के साथ ही भविष्य की चिंता उन्हें घेरते जा रही है गंगा का पानी अब घाट की सीढ़ियों से ऊपर आकर सड़कों पर बहने लगा है। गंगा और उसकी सहायक नदी वरुणा के तटवर्ती इलाके तो पहले से ही डूबे थे। अब पानी नए इलाकों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बड़े-बुजुर्ग 1978 में आई बाढ़ याद कर सहम जा रहे हैं। उन्हें आशंका है कि जिस रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, कहीं वाराणसी में 1978 वाले हालात ना हो जाए। गंगा में आई बाढ़ शहर से लेकर गांव तक लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। किसी का काम छूटा तो किसी का धंधा मंदा हो गया है। वहीं बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राशन, पानी सबसे बड़ी परेशानी है। 

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