सिडबी और टाटा पावर ने मिलाया हाथ, 1000 ग्रीन ऊर्जा उद्यम स्थापित होंगे

माइक्रोग्रिड से बिजली और वित्तीय लिंकेज की सुविधा से ग्रामीण उद्यमिता को देंगे बढ़ावा

लखनऊ, अगस्त 23, 2022:  टाटा पावर के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक संस्था टीपी रीन्यूएबल माइक्रोग्रिड (टीपीआरएमजी) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत साथ मिलकर एक अभिनव कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत पूरे देश में 1,000 हरित ऊर्जा उद्यम स्थापित किए जाएँगे। इस कार्यक्रम के ज़रिए पूरे देश में दीर्घकालिक उद्यमिता मॉडलों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की पूर्ति होगी और ग्रामीण उद्यमिता को बल मिलेगा।  
इस सहयोग के तहत, जब उद्यमी टीपीआरएमजी द्वारा आयोजित क्षमता-विकास की गतिविधि पूरी कर लेंगे तो सिडबी उन्हें  "गो रिस्पॉन्सिव, एंटरप्राइज इन्सेंटिव (ग्रीन)" नामक प्रोत्साहन प्रदान करेगा।  सिडबी अपनी प्रयास योजना या भागीदार संस्थाओं के माध्यम से क्रेडिट लिंकेज में भी सहायता करेगा, ताकि ग्रामीण उद्यमियों को व्यवसाय की स्थापना या विस्तार के लिए वित्तपोषण (ऋण) की सुविधा मिल सके।  
इन ग्रामीण व्यवसायों को गुणवत्तापूर्ण, किफायती, भरोसेमंद और स्वच्छ हरित ऊर्जा (सौर/पवन/बायो-गैस) प्रदान करने के लिए टीपीआरएमजी अपने मौजूदा माइक्रोग्रिड नेटवर्क तथा नये भौगोलिक क्षेत्रों में उपयुक्त उद्यमियों की खोज करेगा। टीपीआरएमजी ग्रामीण उद्यमों को हरित ऊर्जा समाधान के लिए तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराएगा, ताकि ऊर्जा का अधिकतम उपयोग और संरक्षण किया जा सके।
इस अवसर पर बोलते हुए टाटा पावर के सीईओ और सीएमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा कि "सिडबी के साथ हमारी साझेदारी ग्रामीण उद्यमों को दीर्घकालिक ऊर्जा पारितंत्र तक पहुंच प्रदान करने और नवीकरणीय ऊर्जा के व्यापक प्रयोग की भारत की वचनबद्धता में उन्हें शामिल करने की दिशा में एक कदम है।  
सिडबी के सीएमडी श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने इस अवसर पर कहा कि  "सिडबी ने अपने संवर्द्धनशील प्रयासों को नवोन्मेष, उद्यमिता के लिए शिक्षा, स्वावलंबन-संपर्क केन्द्र तथा ग्रामीण स्तर पर टिकाऊ उद्यम विकास, इन चार स्तंभों पर खड़ा किया है।  टाटा पावर के टीपीआरएमजी के साथ किए जा रहे इस सहयोग का उद्देश्य
हरित ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं की अनुरूपता में सिडबी ने हरित उद्यमों को अपने एजेंडा में प्राथमिकता से शामिल किया है।  हमें आशा है कि  इससे भारत के उन युवाओं को शुरुआत से ही हरित उद्यम स्थापित करने का संबल मिलेगा जो रोजगार-प्रदाता की भूमिका निभाने के इच्छुक हैं।
टीपीआरएमजी के माध्यम से टाटा पावर दुनिया के सबसे बड़े माइक्रोग्रिड कार्यक्रमों में से एक का संचालन करता है। यह ऊर्जा भंडारण प्रणाली वाले सौर-आधारित ऑफ-ग्रिड उत्पादन संयंत्र संचालित करता है, जिससे देश के दूर-दराज़ के इलाकों में बिजली पहुँचती है। कंपनी ने निकट भविष्य में 10,000 माइक्रोग्रिड पेश करने की योजना बनाई है। इसने 200 से अधिक माइक्रोग्रिड स्थापित किए हैं, जिनमें से कई उत्तर प्रदेश और बिहार में मौजूद हैं।  एक प्रायोगिक माइक्रोग्रिड कार्यक्रम ओडिशा में भी चलाया जा रहा है।

माइक्रोग्रिड से बनने वाली बिजली की कीमत डीजल -निर्मित बिजली की तुलना में लगभग पांचवां हिस्सा होती है।  इस कारण यह ग्रामीण भारत के बहुत-से लोगों के लिए एक किफायती विकल्प है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने