कब दलालों के चंगुल से मुक्त होगा एआरटीओ विभाग
तेरह-तेरह दलाल मिलकर चला रहें हैं एआरटीओ कार्यालय,एआरटीओ बने मुक दर्शक
गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अम्बेडकरनगर। सुबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार हैं सरकार भष्ट्राचार मुक्त तथा उत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं लेकिन सरकार के नुमाइंदे ही सरकार के सपनों को चकनाचूर करने के लिए कोई कसर नही छोड़ रहे हैं जिले का परिवहन विभाग (एआरटीओ कार्यालय) पूर्णता भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब गया है। जी हाँ यहां दलाल बाबू बनकर कार्य कर रहे हैं, योगीराज में जीरो टॉलरेन्स की धज्जियां बैखौफ उड़ाई जा रही हैं, डीएल व एआरटीओ विभाग से सम्बन्धित कामों के लिए दूरदराज से आए लोग एआरटीओ ऑफिस मे अंदर बैठे इन्हीं दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं लोग इन्हीं को कार्यालय का बाबू समझ कर अपनी-अपनी समस्या बताते हैं, फिर शुरू होता है खेल, सुत्रों की मानें तो अधिकारियों से कोडिंग के जरिए से बात की जाती है। ऑन लाईन कराने के बाद भी लोगों को इन्हीं दलालो को देना पड़ता हैं रुपया,एआरटीओ महोदय को केवल अपने हिस्से से ही मतलब रहता है। जिम्मेदार मूकदर्शक बन सभी को संरक्षण दे रहे हैं। हांलांकि क ई बार जिलाधिकारी ने मिल रही शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए अचानक छापा भी मारे हैं मौके पर क ई लोगों को पकड़ कर पुछताछ भी की गई हैं परंतु फिर वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती हैं आखिर सवाल उठता हैंकि एआरटीओ विभाग कब दलालों के चंगुल मुक्त होगा।
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