जौनपुर। बछड़े को बचाने के लिए आग में कूदा युवक बुरी तरह झुलसा

जौनपुर। केराकत तहसील क्षेत्र के सेनापुर गांव में बीती रात मड़हे में आग लगने से लगभग चार कुंतल गेंहू, भूसा जलकर खाक हो गया साथ ही आग की चपेट में आने से बछड़ा व युवक भी झुलस गया। भीमसेन पुत्र संतलाल रोज की भांति सोने से पहले मडहे में बंधी गाय को मच्छर से बचने के लिये दफती का गत्ता जलाकर सो गये, आधी रात बीत जाने के बाद अचानक गत्ते में लगी आग की चिंगारी निकलने से आग लग गई।जब तक परिजनों की नींद खुलती तक तक आग विकराल रूप धारण कर लिया। मडहे में बधे बछड़े की आवाज सुन भीमसेन ने अपनी जान की परवाह न करते हुए मड़हे में घुस कर बछड़े को बचाने में सफल रहा लेकिन आग की लपटे इतनी विकराल थी कि भीमसेन व बछड़ा आग चपेट में आ गये। परिजनों के चीखने चिल्लाने की आवाज सुन आस पास के लोगो की भीड़ जब तक इकठ्ठा होती तब तक मडहा व उसमे रखा समान जलकर राख हो गया। सुबह लगभग 8 बजे हल्का लेखपाल को फोन कर सूचित करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल बंद था। तत्पश्चात् उपजिलाधिकारी को फोन किया गया लगभग 4 बार फोन करने के बाद भी फोन नहीं उठा तो थक हारकर जिलाधिकारी को फोन कर मामले से अवगत कराया गया। जिलाधिकारी के मामले को संज्ञान में लेते ही तहसील प्रशासन में कुछ समय के लिए हड़कंप मच गया। आनन फानन में जिम्मेदार अधिकारियो ने मामले को संज्ञान में लेते हुए प्राथमिक उपचार हेतु वेक्सीनेटर संदीप दीक्षित मौके पर भेज बछड़े का इलाज कराया गया। मामले की जानकारी होने के बाद हल्का नेखपाल ब्रमहनाथ कौशिक ने मौके पर पहुंच जांच पड़ताल की। भीमसेन की हालत देख 108 पर फोन कर एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केराकत भिजवाया गया जहा से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर उपचार के लिये जिला चिकित्सालय भेजा गया। भीमसेन ने जो मानवता की मिसाल पेश की है उसकी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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