सरकार भले ही बिजली विभाग को घाटे से उबारने के लिए ओटीएस जैसी स्कीम ला रही है लेकिन विभाग के कर्मचारी ही बिजली के बिलों की रिकवरी या नियमित रूप से बिल जमा कराने के प्रति गंभीर नहीं हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के बिलों की रीडिंग के लिए एक फ्रैंचाइजी को जिम्मेदारी दी गई है। फ्रैंचाइजी को अपने मीटर रीडरों के सहारे गांव-गांव में कनेक्शन धारकों के मीटर की रीडिंग करानी होती है। तहसील क्षेत्र के किसी भी गांव में मीटर रीडर नियमित रूप से रीडिंग करने नहीं जाते हैं बल्कि हर उपभोक्ता का मनमाने ढंग से रीडिंग फीड करते रहते हैं। इसके कारण किसी उपभोक्ता की बिल में मीटर से ज्यादा रीडिंग फीड हो जाती है तो किसी की कम फीड होती है। तहसील क्षेत्र के महदेइया, महुआ बाजार, पिपरा एकडंगा, महुआधनी, रमवापुर कला, राजाजोत, अल्लानगर, फत्तेपुर, फगुइया, लालनगर, बिरदा समेत लगभग सभी गांवों के उपभोक्ताओं की रीडिंग न होने की समस्या बनी हुई है। किसी भी उपभोक्ता के मीटर की रीडिंग बिल की रीडिंग से मैच नहीं कर रही है। विभागीय कर्मी बताते हैं कि मीटर रीडर किसी एक जगह बैठकर पूरे गांव के उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग मनमाने तरीके से फीड कर देते हैं। अगर मामले की जांच कराई जाए तो यह तथ्य एक आम आदमी भी जान सकता है कि कई-कई गांवों की मीटर रीडिंग की फीडिंग एक ही लोकेशन पर की जाती है। नियमतः गांव बदलते ही बिलों में लोकेशन अपने आप बदल जाना चाहिए। ज्यादा रीडिंग एक साथ आने पर उपभोक्ता अपना बिल जमा करने में आनाकानी करते हैं जिसके कारण विभाग की रिकवरी कम हो रही है। उप मंडलीय अधिकारी पीएस श्रीवास्तव का कहना है कि ग्रामीण व नगर क्षेत्र के कनेक्शन की रीडिंग के लिए फ्रैंचाइजी ने अपने कर्मचारियों को तैनात किया है।
कनेक्शन धारकों के बिल व मीटर की रीडिंग का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। डिफरेंस मिलने पर विभाग के उच्च अधिकारियों को जानकारी देकर फ्रैंचाइज़ी का अनुबंध समाप्त कराया जाएगा।
असगर अली
उतरौला
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