जौनपुर। मेडिकल के लिए परेशान खिलाड़ी, डीएम से लगायी गुहार


जौनपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी  मुहिम खेलेगा इंडिया तभी तो जीतेगा इंडिया के तहत देश भर के युवा खिलाडियों के प्रतिभा को खोजकर उन्हें तराशने का काम किया जा रहा है। ऐसे में इस मुहिम को कही न कही जिम्मेदार लोगो के द्वारा पलीता लगाने काम किया जा रहा हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। खेलो इंडिया के तहद 27 जून को एथलिस्ट प्रतियोगिता का आयोजन सिद्दीकपुर स्टेडियम में किया गया था, जिसमे केराकत तहसील अंतर्गत डेहरी गांव के के0डी0 स्पोर्ट कराटे के खिलाडियों ने भाग लिया था। खेल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए के0डी0 स्पोर्ट कराटे डेहरी व बासबरी के 17 खिलाडियों का चयन किया गया। चयनित खिलाडियों में 15 लड़किया व 2 लड़के शामिल है, खिलाडियो के मेडिकल हेतु 28 जून को जिला चिकित्सालय भेजा गया। के0डी0 स्पोर्ट के कोच सोनू यादव ने बताया कि लगभग दो सप्ताह बीच जाने के बाद भी खिलाड़ियों का मेडिकल पूर्ण नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि जब भी मेडिकल लेने के लिए जिला अस्पताल जाते हैं तो चिकित्सालय कर्मचारियों के द्वारा नये नये बहाने बनाकर वापस घर लौटा दिया जाता है। ऐसे में खिलाड़िओ का विद्यालय प्रतिदिन छूट जाता है। उन्होंने बताया कि एक बार जिला चिकित्सालय जाने के लिए पंद्रह सौ रुपया वाहन पर अतिरिक्त खर्च खिलाडियों को उठाना पड़ रहा है।थक हारकर शनिवार की सुबह खिलाडियों के साथ जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा से मिल न्याय की गुहार लगाई है। ज्ञात हो कि के0डी0 स्पोर्ट एकेडमी क्षेत्र के प्रतिभावान खिलाडियों को तरासने का काम करती है विगत कुछ दिन पहले के0डी0स्पोर्ट कराटे की गोल्डन गर्ल नितिका यादव का चयन पीटी ऊषा एथलिस्ट एकेडमी केरला में हुआ है। ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जिस एकेडमी से निकलकर खिलाड़ी पीटी ऊषा में पहुंच गांव व जनपद का नाम रोशन करती है, उस एकेडमी के खिलाड़ियो के मेडिकल के लिए जिला चिकित्सालय का चक्कर काटना पड़ रहा है जो विचारनीय योग्य बात है। जबकि खेल मंत्रालय का पदभार जौनपुर जिले को मिलना जनपद वासियों के लिए सौभाग्य की बात है, पर अफसोस होता है कि जब जनपद में ही खिलाडियों को मेडिकल के लिए चिकित्सालय का चक्कर काटना पड़ रहा है।

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