मथुरा:
वृन्दावन। पत्थरपुरा स्थित श्रीगोपालजी मन्दिर (श्री माध्वगौड़ेश्वर आश्रम) में श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज का 16 वां त्रिदिवसीय वार्षिक तिरोभाव महोत्सव विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में महामंडलेश्वर सच्चिदानंद दास शास्त्री महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज परम भजनानंदी व वीतरागी संत थे।वह अपनी मात्र ढाई वर्ष की अवस्था में ही श्रीधाम वृन्दावन आ गए थे। यहां उन्होंने अपनी सौ वर्ष की अवस्था तक आजीवन अखंड वास किया। 
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज जैसी पुण्यात्माएं पृथ्वी पर कभी कभार ही अवतरित होती हैं। उन जैसी विभूतियों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है। 
अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप के परिचायक थे। उन्होंने श्रीधाम वृन्दावन में साधनारत रहकर  श्रीराधाकृष्ण की कुंज लीलाओं का दर्शन किया था।
महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी व आचार्यपीठ के संत भानुदेवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज गौडीय सम्प्रदाय के बहुमूल्य निधि थे। उन्होंने अपने सम्प्रदाय का संवर्धन करने के लिए अनेकों ठोस कार्य किए। जिस पर गौडीय सम्प्रदाय आज भी गर्व की अनुभूति करता है। 
याज्ञिकरत्न आचार्य विष्णुकांत शास्त्री व आचार्य रमेशचंद्र विधिशास्त्री ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज नाम निष्ठ व धाम निष्ठ संत थे। वह सहजता, सरलता, उदारता व परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।
भागवताचार्य गोपाल भैया व संत सेवानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज संत समाज के गौरव थे।सभी संप्रदायों के संत उनका सम्मान करते थे। 
इस अवसर पर चतु:सम्प्रदायाचार्य श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास महाराज, महंत ब्रजबिहारी दास महाराज, वनबिहारी पाठक,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, जगदीश नीलम, संजय शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।संचालन रमेशचंद्र विधिशास्त्री ने किया।महोत्सव के अंतर्गत ठाकुर श्रीगोपालजी महाराज का भव्य व दिव्य फूल बंगला सजाया गया
राजकुमार गुप्ता 

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