वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिली शिवलिंग जैसी आकृति के पूजा-भोग व आरती के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में गुहार लगाई है। कोर्ट ने अर्जी को मूल वाद के रूप में दर्ज कर सुनवाई के लिए 5 अगस्त की तिथि तय की है।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व रामसजीवन ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी व चंद्रशेखर सेठ के जरिए कोर्ट में अर्जी दी है। कहा है कि विगत दिनों कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में शिवलिंग जैसी आकृति मिलने के बाद जिला प्रशासन को विधिवत राजभोग, पूजन व आरती करानीप्रशासन ने संरक्षण व देखभाल के लिए किसी अन्य सनातनी धर्म से जुड़े व्यक्ति को नियुक्त भी नहीं किया। कानूनन देवता की परिस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है। जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान की धारा अनुच्छेद-21 के तहत स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है। इसलिए अन्य मुस्लिम पक्ष को परिसर प्रवेश पर रोक लगाते हुए पूजन व भोग की अनुमति मांगी है। बता दें कि अविमुक्तेश्वरानंद की ओऱ से इसी तरह की अर्जी जून में भी जिला जज की कोर्ट में दी गई थी। अदालत ने सुनवाई के बाद अर्जी खारिज कर दी थी।
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