*संघर्ष करते हुए भी कई सपने संजो रखे हैं प्रशांत ने,आर्ट के जरिए आर्टिस्ट बनने का जुनून*
*कुक्षी।* कौन कहता है आसमां में सुराख नही होता, एक पत्थर तो दिल से उछालो यारों। यह बात सास्वत करने की एक छोटे से कस्बे सुसारी के मेहनतकश परिवार के बड़े से पेंटिग कलाकार प्रशांत पाटीदार ने।
प्रशान्त शासकीय ललित कला महाविद्यालय इन्दौर से चित्रकला में मास्टर्स कर रहा है l इस दौरान उसने कई चित्र बनाए , कई प्रदर्शनियों में भाग लिया , कई कला शिविरो का हिस्सा रहा हैं l बचपन से ही चित्रकला में दिलचस्पी थी, सरल लेकिन परिश्रमी पिता प्रीतमलाल भी शौकिया तौर पर चित्र बनाते थे l उन्ही को देखकर प्रशांत ने भी चित्र बनान शुरु किया व शुरुआत में अपने पिता से ही चित्र बनाना सीखा l
बात तब की ही जब प्रशांत सुसारी के सरकारी स्कूल में कक्षा 6 का छात्र हुआ करता था तब उसके पास बैठे एक सहपाठी ने यह बात शिक्षक को बताई शिक्षक ने प्रशांत के बनाए चित्रों को देखा और उसका उत्साह बढ़ाते हुए उसे विद्यालय के प्राचार्य प्रदीप कुमार श्रीवास्तव से मिलवाया l वे भी छात्र की प्रतिभा से प्रभावित हुए और विद्यालय की ओर से चित्रकला प्रतियोगिता में विद्यालय का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया l
शारदा वाचनालय समिति कुक्षी हर वर्ष कुक्षी में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन करती थी , जिसमे चित्रकला भी एक हैं l प्रशांत ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लिया व प्रथम स्थान प्राप्त किया l यही पर उसका परिचय शासकीय ललित कला महाविद्यालय के छात्र रह चुके विशाल गोराना से हुआ l विशाल ने ही प्रशांत को कला जगत से परिचय करवाया l महान कलाकारों , चित्र शेलियो , आदि से परिचय करवाया l यहीं से ही प्रशांत ने चित्रकला को अपना भविष्य बनाने का निर्णय लिया l
शासकीय ललित कला महाविद्यालय इन्दौर में कक्षा 12 वी उत्तीर्ण करने के बाद प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश मिलता हे l प्रशांत ने गांव के ही सरकारी स्कूल से गणित विषय से कक्षा 12 वी उत्तीर्ण की , ओर अब वह ललित कला महाविद्यालय में प्रवेश लेना चाहता था , किंतु परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वह प्रवेश नही ले सका, एक साल तक कुक्षी के ही एक निजी विद्यालय में आर्ट टीचर पद पर अपनी सेवा दि। इस दौरान एक साल में उसके पास कुछ धनराशि इकठ्ठा होने पर उसने ललित कला महाविद्यालय की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर महाविद्यालय में प्रवेश लिया lप्रशांत ने अब तक एकल प्रदर्शनी, कलापक्ष बीडीएम शोरूम कुक्षी। समुह प्रदर्शनी हृदय दृश्यम रविन्द्र नाट्य भवन इंदौर। मेम रूप भेद देवलालिकर कला वीथिका इंदौर ।विनायक देवलालिकार कला वीथिका इंदौर।मांडू आर्ट फेस्टिवल मांडव।माँ कला केंद्र मांडव। वर्णिका 2020 देवलालिकर कला वीथिका इंदौर। वर्णिका देवलालिकर कला वीथिका इंदौर। गांधी जयंती स्वराज भवन भोपाल। प्रथमेश देवलालिकर कला वीथिका इंदौर। महाराजा मानसिंह तोमर जन्मोत्सव तानसेन कला वीथिका ग्वालियर एकाक्षर देवलालिकर कला वीथिका इंदौर में प्रदर्शनी के माध्यम अपनी कला के रंग बिखेरे।
ऑनलाइन प्रदर्शनी, में निरंतर 4 थी अंतराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी।आर्टमेट होसलो के लिए। विनायक । बंगिया कला केंद्र आदि में भाग लिया।
बतौर सहभागिता ,अंतराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस ट्राइबल म्यूज़ियम भोपाल ।बादल फूल बैरागढ़। लीविंग शिवपुरी। खजुराहो उत्सव , खजुराहो। सुभाषचंद्र बोस, एनजीएमए सांस्कृतिक विभाग जबलपुर में सहभागिता की। अब प्रशांत शासकीय ललित कला महाविद्यालय इन्दौर का छात्र है, ओर वह लगन से अपना कला कार्य कर रहा हे, इस दौरान कई प्रदर्शनियों में , कला शिविरो में सहभागिता भी की।
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