♦️बिना कुलसचिव के प्रतिहस्ताक्षरित अनुभव प्रमाण पत्र के मूल्यांकन नहीं कर पायेंगे स्ववित्तपोषित शिक्षक : कुलसचिव

उत्तर प्रदेश : डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय सहित उत्तर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में संचालित केन्द्रीय मूल्यांकन में जिस प्रकार परीक्षक फर्जीवाड़ा सामने आया था जिसमें बीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में एक परीक्षक की गिरफ्तारी भी हुई है और शेष की खोज अभी पुलिस द्वारा की जारी है, और इसी प्रकार की खबरें अवध विश्वविद्यालय से भी आती रहीं हैं कि कुछ शिक्षक नियम विरुद्ध व फर्जी ढंग से मूल्यांकन कर रहे हैं। जिस पर डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के कुलपति प्रो अखिलेश सिंह के आदेश पर कुलसचिव उमानाथ सिंह ने फर्जी परीक्षकों पर शिकंजा कसते हुए दिनांक 01.07.2022 को सख्त आदेश जारी किया है कि वार्षिक परीक्षा 2022 के मूल्यांकन कार्य में कार्यरत एवं मूल्यांकन कार्य हेतु इच्छुक ऐसे समस्त स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षक अपना अद्यतन विश्वविद्यालयीय अनुमोदन पत्र, कुलसचिव द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित अनुभव प्रमाण पत्र, बैंक द्वारा प्रमाणित वेतन विवरण, आधार कार्ड एवं पैनकार्ड आवश्यक रूप से प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। उक्त वांछित प्रमाण पत्रों के प्रस्तुत करने/जांचोपरांत ही उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन की अनुमति प्रदान की जायेगी। कुलसचिव अवध विश्वविद्यालय के अनुसार पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा जारी किये गये परीक्षक कोड का अब कोई महत्व नहीं रह जायेगा, इसलिए केन्द्रीय मूल्यांकन-2022 में मूल्यांकन कर रहे एवं मूल्यांकन के लिए आने वाले सभी स्ववित्तपोषित शिक्षकों को वांछित अभिलेख देना होगा। 

परीक्षक फर्जीवाड़ा एवं मूल्यांकन में धांधली को रोकने के लिए कुलपति व कुलसचिव अवध विश्वविद्यालय द्वारा जारी किये गये सराहनीय आदेश पर अवध विश्वविद्यालय अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित अनुमोदित शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी एवं राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी शिक्षक प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ अनन्त कुमार सिंह, अयोध्या ने कुलपति व कुलसचिव के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए आशा की गयी है कि नि: सन्देह ऐसे आदेश से विश्वविद्यालय मूल्यांकन में निष्पक्षता व पारदर्शिता बनी रहेगी। शिक्षक संघ ने इसी के साथ यह भी अपेक्षा है कि उक्त आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा ऐसे आदेश का कोई मायने नहीं रह जायेगा। इसी क्रम में कुलपति प्रो अखिलेश सिंह व कुलसचिव उमानाथ सिंह से आग्रह है कि अवध विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के समस्त स्ववित्तपोषित शिक्षकों का अविलंब भौतिक सत्यापन भी करवाया जाय।

♦️अवध विश्वविद्यालय से पूर्व में जारी किये गये परीक्षक कोड का अब कोई महत्व नहीं, सभी स्ववित्तपोषित शिक्षकों को देना होगा वांछित अभिलेख : कुलसचिव 

♦️ अविलंब हो स्ववित्तपोषित शिक्षकों का भौतिक सत्यापन : शिक्षक संघ 

♦️अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ ने जताया कुलपति व कुलसचिव के प्रति आभार

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