उतरौला(बलरामपुर) मानसून ने दस्तक दे दी है दो दिन पूर्व हुए बारिश ने धान की रोपाई की राह देख रहे किसानों को राहत दे दी है।बड़े बुजुर्गों ने कहावत कही है कि आषाढ़ में किसान चूक गया तो फिर खेती बाड़ी सुधारना मुश्किल हो जाता है।
खेती के नजरिए से देखा जाए तो यह महीना अन्नदाताओं के लिए आशाओं से भरा रहता है।यही समय होता है जब धान की रोपाई के अलावा अन्य खेती के कार्य किए जाते हैं।फिलहाल इंद्रदेव किसानों पर मेहरबान दिख रहे हैं क्षेत्र के किसान बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे जो अब खत्म होता हुआ नजर आ रहा है।बारिश ने जहां मौसम को खुशनुमा बना दिया है वहीं अन्नदाताओं के चेहरे पर मुस्कान ला दी है,जिसका वह कई दिनों से इंतजार कर रहे थे।
बीते मंगलवार शाम से ही काले बादल ने प्यासी धरती को आहट देना शुरू कर दिए थे। मानसून की पहली बारिश में ही शहरी क्षेत्र में जहां कई जगह जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई तो वहीं गांव में इस बरसात से पूरी तरह धरती की प्यास नही बुझ पाई है।
असगर अली
उतरौला
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