✳️ *समय पुराना था* ✳️
🩸तन ढँकने को कपड़े न थे,
फिर भी लोग तन ढँकने का
प्रयास करते थे ...!
आज कपड़ों के भंडार हैं,
फिर भी तन दिखाने का
प्रयास करते हैं
*समाज सभ्य जो हो गया हैं ।*
🩸 *समय पुराना था*,
आवागमन के साधन कम थे।
फिर भी लोग परिजनों से
मिला करते थे ...!
आज आवागमन के
साधनों की भरमार है।
फिर भी लोग न मिलने के
बहाने बनाते हैं ।
*समाज सभ्य जो हो गया हैं ।*
🩸 *समय पुराना था*,
घर की बेटी,
पूरे गाँव की बेटी होती थी।
आज की बेटी पड़ोसी से ही
असुरक्षित हैं ...!
*समाज सभ्य जो हो गया हैं !*
🩸 *समय पुराना था*,
लोग नगर-मोहल्ले के बुजुर्गों
का हालचाल पूछते थे ...!
आज माँ-बाप तक को
वृद्धाश्रम में डाल देते हैं ।
*समाज सभ्य जो हो गया हैं ।*
🩸 *समय पुराना था*,
खिलौनों की कमी थी ।
फिर भी मोहल्ले भर के बच्चों
के साथ खेला करते थे ...!
आज खिलौनों की भरमार है,
पर बच्चे मोबाइल की जकड़
में बंद हैं ...!!
*समाज सभ्य जो हो गया हैं ।*
🩸 *समय पुराना था*,
गली-मोहल्ले के पशुओं
तक को रोटी दी जाती थी ...!
आज पड़ोसी के बच्चे भी
भूखे सो जाते हैं ...!!
*समाज सभ्य जो हो गया हैं ।*
🩸 *समय पुराना था*,
पड़ोसी के घर मे आए
रिश्तेदार का भी पूरा
परिचय पूछ लेते थे ...!
आज तो पड़ोसी का नाम
तक नहीं जानते ...!!
*समाज सभ्य जो हो गया हैं ।*
👌वाह रे आधुनिक एवं
सभ्य समाज👌
🔹♦️🔹❤️❤️❤️🙏🏻👌
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