*अयोध्या*
*शहर में भी खुले में रखे हैं ट्रांसफार्मर, आए दिन होती जानवरो की मौत*
अयोध्या। ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं शहरी इलाके में भी खुले में रखे ट्रांसफार्मर हादसों को न्यौता दे रहे हैं। यह हाल तब है जब पावर कार्पोरेशन के आला अधिकारी यहीं मुख्यालय पर विराजमान रहते हैं। स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आलम यह है कि आए दिन ट्रांसफार्मर से चिपक कर बंदरों की मौत हो जाती है।
विद्युत वितरण निगम प्रथम के अधीन शहरी क्षेत्र आता है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार शिकायत की गई, लेकिन आज तक सुनवाई ही नहीं हुई। नगर के तेलीटोला मोहल्ले में आबादी के बीच बिना फेंसिंग और घेराबन्दी के ट्रांसफार्मर खुले में रखा गया है। करीब दो साल से यहां रखे ट्रांसफार्मर को लेकर तीन बार दुर्घटना हो चुकी है फिर भी विभाग नींद से नहीं जागा। रेतिया और हसनू कटरा चौराहे के निकट ही खुले में ट्रांसफार्मर रख दिया गया।
नतीजा अक्सर तार के ऊपर बंदर झूलते है और गिरते हैं तो ट्रांसफार्मर से चिपक कर मर जाते हैं, जिसके कारण बिजली भी गुल हो जाती है। बिजली कर्मी ट्रांसफार्मर बना कर चले जाते हैं लेकिन बाड़ नहीं लगाई जाती है। जीआईसी से जिला महिला अस्पताल आने वाली रोड पर एक निजी अस्पताल की गली के मोड़ पर ही खुले में ट्रांसफार्मर रखा है। संकट यह है कि इसे लेकर इलाकाई अवर अभियंता तक संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं।
पावर कार्पोरेशन द्वारा इसके लिए नियम निर्धारित हैं। विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता मनोज गुप्ता ने कहा कि अभी तक यह संज्ञान में नहीं था। अब जहां भी खुले में ट्रांसफार्मर हैं उन्हें ठीक से रखवाया जायेगा। इसके लिए सभी जेई को निर्देशित किया जा रहा है।
▪️ट्रांसफार्मर लगाने के क्या हैं नियम
निर्देश हैं कि कोई भी ट्रांसफार्मर पांच फिट से नीचे ऊंचाई पर न रखा जाए, बाकायदा सीमेंट का प्लेटफार्म बना कर रखा जाए और उसे लोहे की जाली से चौतरफा ढका जाए। इतना ही नहीं ट्रांसफार्मर की केबिल न झूले उसे स्टील क्लिप से बांधा जाए, लेकिन अधिकतर जगह इन नियमों की अनदेखी सामने आ रही है।
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