पिकनिक मनाने आए दो लड़का गुरुवार  की दोपहर नहाते समय चूनादरी जलप्रपात के नीचे मौजूद कुंड की दह में डूब गए। घंटों मशक्कत के बाद गोताखोरों की मदद से शव बरामद हुए।
चुनार कोतवाली इलाके के मंगरहा गांव का निवासी युवराज सिंह उर्फ निक्की (21) कैलहट स्थित राम ललित महाविद्यालय में बीएससी एग्रीकल्चर का छात्र था। वह मंगलवार की सुबह घर से महाविद्यालय के लिए निकला। वहां पहुंचने के बाद तीन मित्र एक ही बाइक से लखनिया दरी पर्यटन स्थल घूमने निकले। उसके साथ सरैया जयरामपुर, सारनाथ, वाराणसी निवासी आकाश सिंह (22) और दो अन्य साथी भी पिकनिक मनाने निकले। लखनिया दरी पहुंचने पर पानी कम होने के चलते तीनों चूना दरी जलप्रपात चले गए। वहां झरने में नहाने लगे। इसी दौरान पैर फिसलने से युवराज सिंह गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। उसे बचाने के लिए आकाश सिंह उसके पास पहुंचा। लेकिन एक दूसरे को बचाने में दोनों डूब गए। इसके बाद साथियों ने पुलिस और परिजनों को जानकारी दी। तब गोताखोरों को साथ लेकर पहुंची पुलिस टीम ने युवकों की तलाश कराई
थम नहीं रहा चूना दरी जलप्रपात के कुंड में डूबने से हो रही मौत का सिलसिला
बारिश की कमी के चलते लखनिया दरी का झरना सैलानियों को रिझा नहीं पा रहा है। जिसके चलते ज्यादातर पर्यटक पहाड़ों के गर्भ में बसे चूना दरी जलप्रपात की ओर निकलते जा रहे हैं, जहां का कुंड मौत का दह बना हुआ है। चूना दरी जलप्रपात में काल के गाल में समाने वालो का आकड़ा देखे तो बीते बुधवार को ही सोनभद्र निवासी राहुल सोनकर (20) तथा मनीष मौर्य (18) की डूबने से मौत हो गई थी। इसके पूर्व की घटनाओं पर नजर डाले तो 8 अगस्त 21 को भेलूपुर थाना क्षेत्र के रानीपुर महमूरगंज निवासी शुभम श्रीवास्तव की डूबने से मौत हो गई थी। 28 मार्च 2021 को अपने मित्रों संग पर्यटन स्थल का लुत्फ उठाने चूना दरी जलप्रपात पहुंचे सूर्यश प्रताप सिंह की जान नहाते हुए लापरवाही से डूबते साथी को बचाने में चली गई। 11 जुलाई 21 को अभिषेक विश्वकर्मा और निखिल यादव निवासी राम कटोरा की डूब कर मौत हो गई थी। 6 जुलाई 21 अनवर कुरैशी पुत्र मकसूद कुरैशी निवासी जलालीपुरा थाना आदमपुर वाराणसी अचानक पानी की दह में चला गया और डूब गया। 28 जून 21 नहाते समय वाराणसी के रामनगर स्थित गोला बाजार निवासी इरफान पुत्र अबरार अपने मित्रों के संग झरने में नहाने डूबकर मौत हो गई। इतना ही नहीं सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर दरकिनार करने वाले इस पर्यटन स्थल के लखनिया दरी झील में भी दर्जनों जाने जा चुकी है परंतु विभाग अब तक उदासीन है।

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