वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले की मेरिट पर हो रही सुनवाई 4 अगस्त तक के लिए टल गई है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होने वाली सुनवाई वकील के निधन और अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण नहीं हो सकी।
पिछले वर्ष सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन व ज्ञानवापी को सौंपने सम्बंधी मांग को लेकर वादी राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने गुहार लगाई थी। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने प्रार्थनापत्र देकर वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाया। अदालत ने प्रतिवादी की अर्जी को दरकिनार करते हुए वादी की मांग पर सुनवाई की।इसके बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराकर रिपोर्ट तलब कर ली। इसके बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मुस्लिम पक्ष की विशेष अनुमति याचिका पर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर जिला जज की अदालत में सुनवाई चल रही है।
26 मई से शुरू सुनवाई में चार तिथि पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 07 नियम 11 (मेरिट) के तहत केस को खारिज करके लिए बहस की गई। इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन व अन्य ने शुक्रवार को बहस की। सोमवार को डीजीसी सिविल और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की ओर से पक्ष रखा जाना था। अब चार अगस्त को होने वाली सुनवाई में पक्ष रखा जाएगा।
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