योगी सरकार 2.0 : 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड जारी, विकास के लिए अब भी बड़े बदलाव की जरूरत ?

                                                                                                                                डॉ. अजय कुमार मिश्रा

                drajaykrmishra@gmail.com

 

योगी सरकार 2.0 ने अपने दूसरें कार्यकाल के 100 दिनों को पूरा हो जाने पर अपना रिपोर्ट कार्ड जनता को प्रस्तुत किया है | सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उत्तर प्रदेश ने अपने 52 पेज के प्रकाशन में सभी उपलब्धियों का लेखा-जोखा आम जन के लिए प्रस्तुत किया है | स्वयं मुख्यमंत्री जी ने प्रेस कांफ्रेंस करके उपलब्धियों की चर्चा की है | जिसे निसंदेह आप इस समाचार पत्र में पढ़ चुकें होगें | योगी जी की दूर-दृष्टि और आम आदमी के प्रति समर्पण और विकास की भावना को उन्ही के इन शब्दों से समझा जा सकता है – “सहने पड़े कष्ट, असंख्य भले ही  जन – जन की सेवा अविराम करूँगा | है लोक कल्याण की भीष्म प्रतिज्ञा पूर्ण करने को सदैव गतिमान रहूँगा |” इन शब्दों में जहाँ एक तरफ भावना है, विचारों की गहराई है वही दूसरी तरफ प्रतिबद्धता है, दूरदर्शिता है और कार्य करने की कठिन प्रतिज्ञा भी प्रदर्शित है | योगी के कुशल नेतृत्व की ही देन है की उत्तर प्रदेश की जनता ने 37 वर्षो के रिकॉर्ड को ब्रेक करके पुनः भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश की सत्ता में मौका दिया है | स्वयं प्रधानमंत्री जी कहतें है की “बीते वर्षो में उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता और गवर्नेस में भी सुधार आया है, इसीलिए आज जनता का विश्वास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर है | यूपी की जनता ने 37 साल बाद किसी सरकार को फिर से सत्ता में वापस लाकर अपने सेवक को जिम्मेदारी सौंपी है |” सरकार बनने के पश्चात् योगी ने अपने मंत्रियों और विभागों के लिए 100 दिनों, 6 माह, 1 वर्ष, 2 वर्ष और 5 वर्ष की कार्य योजना तय करने को कहा था | 5 जुलाई 22 को सरकार का 100 दिनों का कार्यकाल पूरा हुआ है और सरकार के अनुसार निर्धारित लक्ष्य का 90 प्रतिशत से अधिक कार्यो की पूर्ति हुई है | ऐसे में यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि क्या वास्तव में सरकार के दावें सही है ? क्या सरकार से आम जनता को इन्ही कार्यों की अपेक्षा है ? क्या सरकार अपने घोषित मुद्दों को लेकर चल रही है ?

 

सर्व प्रथम इस बात के लिए योगी जी को आभार उत्तर प्रदेश के करोड़ो निवासियों को देना चाहिए की उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के विकास के लिए इतिहास में पहली बार अलग-अलग अवधि का लक्ष्य निर्धारित किया गया और समयावधि पूरा होने के पश्चात् रिपोर्ट कार्ड सामने रखा जा रहा है | प्रदेश की स्थिति पूर्व में जिस तरह की रही है उसकी तुलना में योगी द्वारा किया जा रहा कार्य वास्तव में बेहद सराहनीय है | पर शिकायत और सुझाव हमेशा उन्हें ही दिया जाता है जिनमे कुछ बड़ा करने और बदलाव लाने की प्रबल शक्ति होती है | यदि आप सरकार के किसी एक कार्य को सर्वश्रेष्ठ कहने को कहेगे तो यह दावें से कहा जा सकता है की लॉ एंड आर्डर में व्यापक सुधार ने प्रदेश की छवि को राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदल कर रख दिया है मसलन योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के मात्र 100 दिनों में 525 अपराधियों का एनकाउंटर, 192 करोड़ की सम्पत्ति का जब्त होना और 1034 अपराधियों को गिरप्तार किया जाना है | किसी  भी इन्सान के जीवन में सुरक्षा सर्वोपरि है शायद यह बात योगी जी से बेहतर कोई नहीं जानता इसी लिए करोड़ों की आबादी का प्रदेश, विभिन्न विचारधाराओं में अलग – अलग होने के बावजूद सब के हितों को सुरक्षित करके सबका साथ, सबका विकास के नारें को अमली जामा पहना रहें है |

 

पर जहाँ पर अच्छा कार्य किया जा रहा है वहां और बेहतर करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है | योगी सरकार को निम्न बातों पर भी विशेष विचार करना चाहिए – 1. आम जनता के जमीनी मुद्दों को अपने लक्ष्य में शामिल करने के लिए सभी नागरिकों को यह अवसर मिलना चाहिए की जिला अधिकारी को अपनी बात लिखित रूप में रखें जिसे जिला अधिकारी के माध्यम से योगी सरकार अपने लक्ष्य निर्धारण  में शामिल कर रिपोर्ट कार्ड को प्रस्तुत करें | 2. प्रस्तुत रिपोर्ट कार्ड पर भी आम जन से फीडबैक प्राप्त करें, जिससे आगामी लक्ष्य निर्धारण और पूर्ति और बेहतर हो सकें | 3. केंद्र सरकार की योजनाओं और राज्य सरकार की योजनाओं का लक्ष्य अलग - अलग निर्धारित करके रिपोर्ट कार्ड आम जनता के सम्मुख रखें, जिससे राज्य सरकार के अपने कार्यो की भी स्पष्ट समीक्षा हो सकें | 4. प्रत्येक विधायक के कार्यों की रेटिंग के लिए एक केन्द्रीय व्यवस्था बनाये जिसमे आम आदमी विभिन्न माध्यम से अपने क्षेत्र के विधायक के कार्यो की रेटिंग कर सकें | इसके लिए आधार कार्ड का सहारा लिया जा सकता है | 5. प्रत्येक विभाग के मंत्री अपने विभाग का लक्ष्य पूर्ति अवधि व्यतीत हो जाने के पश्चात् उपलब्धियों को स्वयं सामने आकर प्रस्तुत करें और लक्ष्य पूरा न होने पर आम जन से उसका उचित कारण भी साझा करें | 6. प्रधानमंत्री जी की तरह सभी विधायक, मंत्री आम जनता से सीधे सार्वजानिक नियमित रूप से संवाद करें और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य करें | 7. योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान कई वायदे ऐसे किये गए थे जिसके बारें में सरकार को अभी भी कार्य करने की जरूरत है मसलन जनसंख्याँ नियंत्रण बिल, गड्ढा मुक्त सड़क इत्यादि | 8. अनेकों दावों के बावजूद बेरोजगारी की जमीनी हकीकत पीड़ादायक है | सरकार को रोजगार के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करके जमीनी कार्य का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए | आंकड़ो में भले ही बेरोजगारी दर 2017 की अपेक्षा 2022 में न्यूनतम स्तर पर हो, पर जमीनी हकीकत कही विपरीत है | 9. महंगाई अपने चरम पर है इसके लिए योगी सरकार को राज्य सरकार के नियंत्रण की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है | जमीनी रूप से प्रत्येक आदमी महंगाई से पीड़ित है | 10. फ्री राशन की व्यवस्था में थोडा बदलाव करके लोगो की सहभागिता फ्री से हटानी चाहिए क्योंकि इससे अकर्मणता जन्म ले रही है जो किसी भी राज्य की प्रगति के लिए एक बड़ी बाधा है | 11. कांग्रेस मुक्त विधान सभा या अन्य दलों की अकर्मणता को सरकार को बार-बार प्रचारित प्रसारित नहीं करना चाहिए, क्योंकि विपक्ष की अक्षमता भी जिम्मेदार है सरकार की सत्ता में पुनः अवसर देने के लिए तथा अब सरकार के पांच वर्ष का इतिहास भी सामने है जिसमे अनेकों उपलब्धियों के साथ कुछ कमियां भी है |

     

उक्त बिन्दुओं पर सरकार को पुनः सोचने की जरूरत है और आगामी 6 माह के लक्ष्य में इन बातों का समावेश करने पर एक प्रभावशाली और जन उपयोगी लक्ष्य निर्धारित हो सकता है जिसका सीधा लाभ आम जन को मिल सकेगा | वर्तमान परिवेश में विपक्ष भी पूर्व की अपेक्षा अधिक मजबूत और आक्रामक भी है और शुरूआती दिनों में विपक्ष ने अपनी मंशा सरकार के प्रति प्रकट भी कर दिया है ऐसे में सरकार को सिर्फ कार्य करने की जरूरत से कही अधिक जरूरत जनता की आवश्यकता के अनुरूप उनकी सहभागिता से कार्य करने की है और यह तभी सम्भव हो सकता है जबकि बड़े स्तर पर बदलाव के साथ-साथ नियोजित तरीके से कार्य किया जाए | हाल ही में संपन्न हुए रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में जीत से यदि यह आकलन किया जा सकता है की सरकार के कार्यो से जनता खुश है तो यह भी समझना चाहिए की अधिकांश मामलों में जिनकी सत्ता रहती है उप चुनाव वही पार्टी विजेता बनती है | सरकार को अब अपने पिछले पांच वर्षो के कार्यकाल के कार्य करने के तरीकों से बाहर आकार के आम जन की नियमों और कार्यो में भागीदारी करके कार्य करने का समय आ गया है जिससे न केवल प्रदेश की छवि में बड़ा बदलाव होगा बल्कि जमीनी स्तर पर भी तरक्की होगी | क्योंकि संवाद दोनों तरफ से हो तो ही बेहतर होता है |

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