श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा 100 दिन हेतु निर्धारित सभी लक्ष्यों को पूर्ण किया गया
रात्रि पाली में महिलाओं के नियोजन हेतु नियोजकों द्वारा विभिन्न
सुरक्षा व सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया
बंधुआ श्रम से सम्बन्धित समस्त कार्यवाहियों को ऑनलाइन कर दिया गया, इस प्रकार का ऑनलाइन पोर्टल बनाने वाला देश में प्रथम राज्य बना उत्तर प्रदेश
275 हॉट-स्पॉटों को बाल श्रम मुक्त घोषित कराया गया
चीनी व आसवनी उद्योग में श्रमिकों का वेतन पुनरीक्षण किया गया
545 रोजगार मेलों का माध्यम से 56915 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्रों में चयनित किया गया
तथा सेवामित्र पोर्टल के माध्यम से 7875 कुशल कामगारों
का पोर्टल पर पंजीकरण कराया गया
लखनऊ: 14 जुलाई, 2022
उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर ने आज लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों के समक्ष अपने विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना के अंतर्गत अर्जित की गयी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा 100 दिन हेतु निर्धारित सभी लक्ष्यों को पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि 100 दिन के लक्ष्यों के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्यों में विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा, विभिन्न नियोजनों में उनकी भागीदारी को बढ़ाना, चीनी व आसवनी उद्योग के श्रमिकों के वेतन में वृद्धि करना तथा बाल एवं बंधुआ श्रम उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कार्यों को प्रारम्भ किया गया है। साथ ही छोटे दुकानदारों को पंजीकरण व अन्य सभी दुकानदारों को नवीनीकरण से मुक्त किया किया गया है।
श्री राजभर ने अपने विभाग की उपलब्धियों को विस्तार से बताते हुए कहा कि 100 दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत किए गये कार्यो में मुख्य रूप से प्रदेश के विभिन्न कारखानों में रात्रि पाली में महिलाओं के लिए समान नीति तैयार की गयी है। जिससे कामकाजी महिलाओं को और अधिक स्वावलम्बी एवं समर्थ बनाने में मदद मिलेगी। रात्रि पाली में महिलाओं के नियोजन हेतु नियोजकों द्वारा विभिन्न सुरक्षा व सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बंधुआ श्रमिकों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए बंधुआ श्रम से सम्बन्धित समस्त कार्यवाहियों को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे श्रमिक व श्रमिकों के कल्याणार्थ कार्य कर रही विभिन्न संस्थायें बंधुआ श्रमिकों के सम्बन्ध में कार्य कर रही संस्थायें ऑनलाइन शिकायत कर सकती है। इस ऑनलाइन व्यवस्था के अन्तर्गत ऑनलाइन फार्म भरकर अथवा दूरभाष पर भी शिकायत की जा सकती है। इस व्यवस्था से अन्य प्रदेशों में उ0प्र0 के मूल निवासी श्रमिक, जो कभी-कभी बंधुआ की स्थिति में फँस जाते हैं, उनको भी बंधुआ श्रमिक के रूप में अवमुक्त कराकर समय से उनका पुनर्वासन कराने में सहयोग मिलेगा। उ0प्र0 इस प्रकार का ऑनलाइन पोर्टल बनाने वाला देश में प्रथम राज्य है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली अन्य राज्यों के लिये एक नज़ीर बनेगी।
बाल श्रम के सम्बन्ध में श्री अनिल राजभर ने बताया गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार उ0प्र0 देश में कामकाजी बच्चों की संख्या की दृष्टि से प्रथम स्थान पर था। अतः वर्तमान सरकार ने यह निर्णय लिया है कि आगामी 05 वर्षो में प्रदेश को बाल श्रम जैसी कुप्रथा से मुक्त कराया जाना है। इसके दृष्टिगत नया सवेरा योजना के अन्तर्गत आच्छादित 20 जिलों में कामकाजी बच्चों को कार्य से अवमुक्त कराकर उनको विद्यालयों में प्रवेशित व नियमित कराया जा रहा है तथा साथ ही उनके परिवार जनों को सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभन्वित किया जा रहा है। इसी क्रम में 100 दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत 200 हॉट-स्पाट (ग्राम पंचायतों/शहरी वार्डो) को बाल श्रम मुक्त घोषित कराया जाना था, जिसके सापेक्ष दिनांक 12 जून, 2022 अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 275 हॉट-स्पाट (179 ग्राम पंचायतों व 96 शहरी वार्डों) को बाल श्रम मुक्त घोषित कराया गया है। इस अवसर पर इस कार्य में सहयोग हेतु सम्बन्धित ग्राम प्रधानों व वार्ड पार्षदों को भी प्रोत्साहित व सम्मानित किया गया।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में चीनी व आसवनी उद्योग में गत कई वर्षों से वेतन का पुनरीक्षण नहीं हुआ था, जिससे एक बड़ी संख्या में श्रमिकों को आर्थिक हानि हो रही थी तथा समय-समय पर श्रमिक और नियोजकों में इस विषय पर टकराव की स्थिति पैदा होती थी। 100 दिवसीय कार्ययोजना में चीनी व आसवनी उद्योग में नियोजित श्रमिकों के वेतन के पुनरीक्षण का लक्ष्य था। अतः इस लक्ष्य को प्राप्त करते हुए चीनी व आसवानी उद्योग में श्रमिकों का वेतन पुनरीक्षण कर दिया गया है, जिससे की चीनी मीलों के श्रमिकों को एरियर के रूप में लगभग रू0 78,000/- मिलेगा तथा लगभग रू0 1600-1700 तक की वेतन वृद्धि होगी। इसी प्रकार आसवनी उद्योग में एरियर के रूप लगभग रू0 69,000/- व लगभग रू0 1450/- प्रति माह वेतन में वृद्धि होगी।
श्री राजभर ने बताया कि प्रदेश में सभी दुकानों का, उ0प्र0 दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान अधिनियम 1962 के अन्तर्गत पंजीकरण कराना होता था तथा प्रत्येक 05 वर्ष में इस पंजीकरण का नवीनीकरण कराना भी आवश्यक था। 100 दिन की कार्ययोजना के अन्तर्गत बिना कर्मचारी वाले दुकानदारों को पंजीकरण से मुक्त कराना व अन्य दुकानदारों को प्रत्येक 05 वर्ष में नवीनीकरण से मुक्त किये जाने का लक्ष्य था। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु नियमावली में आवश्यक संशोधन कर लिये गये हैं तथा मा0 मंत्रीपरिषद के अनुमोदन के उपरान्त शीघ्र ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जायेगा।
श्रम मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि सेवायोजन निदेशालय के अन्तर्गत 90 रोजगार मेलों के लक्ष्य के सापेक्ष 545 रोजगार मेलों का माध्यम से 56915 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्रों में चयनित किया गया। इसके साथ ही 1045 कैरियर काउन्सिलिंग के माध्यम से 89080 प्रतिभागियो की काउन्सिलिंग की गयी तथा सेवामित्र पोर्टल के माध्यम से 7875 कुशल कामगारों का पोर्टल पर पंजीकरण कराया गया।
100 दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालयों/औषाद्यालयों द्वारा 104 स्थानों पर विशेष स्वास्थ्य कैम्पों का आयोजन किया गया, जिसमें 139857 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया गया
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रम, श्री सुरेश चन्द्रा, श्रम आयुक्त, श्रीमती शकुन्तला गौतम, विशेष सचिव, श्री प्रेम प्रकाश सिंह, सचिव, बी0ओ0सी0 बोर्ड श्री विपिन कुमार जैन और प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक, श्री हरिकेश चौरसिया सहित श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सम्पर्क सूत्र: सरिता वर्मा
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