सीरियल धमाके में दोषी वलीउल्लाह का गाजियाबाद की अदालत ने सजा ए मौत की सजा सुनाई है। वाराणसी बम कांड में अदालत के फैसले से इस घटना में अपनों को खो देने वाले परिवारों के जख्मों पर 16 साल और दो महीने बाद न्याय का मरहम लगा है। गमजदा परिवारों को लंबे अर्से बाद न्याय मिलने से सुकून के कुछ पल मिले हैं।सात मार्च 2006 की शाम पहला बम धमाका शाम 6.15 बजे संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें सात लोग मारे गए थे और 26 घायल हुए थे। 15 मिनट बाद 6.30 बजे दशाश्वमेध मार्ग पर कुकर बम मिला था।
पांच मिनट बाद 6.35 बजे कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी विश्राम कक्ष के सामने धमाका हुआ था। यहां 9 लोग मारे गए थे और 50 घायल हुए थे। मामले में चार अन्य आतंकियों के नाम सामने आए थे। एक आतंकी व बम धमाके का मास्टरमाइंड मोहम्मद जुबैर कश्मीर में हुए मुठभेड़ में मारा जा चुका है।  बनारस की जनता, पीड़ित, उनके परिवारों और गवाहों ने अदालत के इस फैसले की खुले कंठ से सराहना की है। अदालत ने जब वलीउल्लाह दोषी करार दिया तो सभी सभी ने  कहा था कि फांसी की सजा से कम मंजूर नहीं है। सोमवार को जब वलीउल्लाह को सजा ए मौत देने के फैसले को सुनकर पीड़ित परिवारों के चेहरे की मायूसी कम हुई।

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