औरैया // जल संरक्षण और पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए पूर्व की सरकारों ने गांव के वर्षों पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार कराया लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर इन्हेें मॉडल और आदर्श तालाब का रूप दिया गया। मगर यह तालाब देखरेख और सरकारी उपेक्षा के चलते अस्तित्व खो बैठे अब प्रदेश सरकार इन्हीं तालाबों के साथ तमाम नए तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित कर रही है सरकार की यह योजना कितनी कारगर होगी यह तो वक्त बताएगा, पर लोग पूर्व में हुए तालाबों के सुंदरीकरण को लेकर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं गांव के पुराने तालाबों में कहीं धूल उड़ रही तो कहीं गंदगी का अंबार है। जबकि तालाबों की दुर्दशा सुधारने और ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने के लिए मनरेगा के तहत लाखों रुपये खर्च किए गए बंदरबांट के इस खेल में तालाबों की दुर्दशा तो नहीं सुधरी लेकिन कुछ ने अपनी स्थिति जरूर सुधार ली पानी की तरह रुपये बहाए जाने के बाद भी कई तालाबों में न तो पानी और न ही आदर्श और मॉडल तालाब जैसी सुविधाएं है सरकार बदलते ही निजाम बदल गए और अफसरों के पूर्व के क्रियाकलापों पर पर्दा डाल दिया गया अब इन्हीं तालाबों के साथ एक एकड़ तक वाले कई नए तालाबों में आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जा रहा है इस कार्य में कई लापरवाही बरती जा रही है, जिससे अफसर अनजान बने हुए हैं मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं, इनके लिए एक एकड़ के करीब व उससे अधिक की जमीन वाले तालाब चिह्नित किए गए हैं कुछ पुराने तालाब भी शामिल है तालाबों में नियमों के तहत कार्य कराने के निर्देश हैं
यदि कहीं पर लापरवाही मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।
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