औरैया // कड़ी मेहनत और लगन के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ा जाए तो सफलता हासिल करना कठिन नहीं है। यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में जिले के होनहारों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है। ज्यादातर मेधावी साधारण परिवारों से हैं और अभावों के बीच राह बनाकर सफल हुए हैं कोचिंग के सहारे ही बेहतर परिणाम दिए जा सकते हैं, इस मानसिकता को भी छात्रों ने गलत साबित कर दिया है कई घंटों की नियमित पढ़ाई और सकारात्मक सोच मेधावियों को सफलता के शिखर तक ले गई है नेत्र चिकित्सक बनना चाहते हैं अभिषेक दिबियापुर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के अभिषेक मूर्ति कृष्णा ने 567 (94.5 फीसदी) अंक पाकर यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में जिले में पहला स्थान पाया है अभिषेक का कहना है कि उनका सपना नेत्र चिकित्सक बनने का है वह प्रतिदिन स्कूल के अलावा चार घंटे सेल्फ स्टडी में देते हैं सोशल मीडिया पर यू ट्यूब का उपयोग सिर्फ म्यूजिक सुनने में करते हैं व्हाट्सएप का भी प्रयोग यदाकदा करते हैं उन्होंने छात्रों ने सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखने के लिए कहा है अभिषेक के पिता सत्यमूर्ति प्राथमिक स्कूल में अध्यापक हैं, जबकि मां शोभा गृहणी हैं आईएएस बन देश के विकास में भागीदारी का सपना है वहीं चौधरी विशंभर सिंह भारतीय बालिका इंटर कालेज के नितिन कुमार ने 94.33 पाकर जिले में दूसरा स्थान पाया है नितिन का कहना है कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई की इसके बाद नियमित सुबह-शाम घर पर पढ़ाई की सफलता का श्रेय उसने मां सुधा देवी, पिता सौरभ कुमार व शिक्षकों को दिया है बताया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगे बताया कि आज समाज में लोग विकास से काफी पिछड़ते जा रहे है उनका सपना है कि आईएएस बनकर देश क्षेत्र के विकास में भागीदारी कर सके नीट पास कर डॉक्टर बनना चाहती शालू दिबियापुर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज की छात्रा शालू यादव ने हाईस्कूल परीक्षाफल में 565 अंक (94.17 प्रतिशत) पाकर जिले में तीसरा स्थान बनाया है शालू कहती हैं कि वह नीट की तैयारी कर डॉक्टर बनना चाहती हैं। बताया कि स्कूल के अलावा कुल छह घंटे अतिरिक्त पढ़ाई कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है कोरोना संक्रमण काल में यू ट्यूब पर चलने वाली आनलाइन क्लासेज ने पढ़ाई में सहायता की पिता यदुवीर सिंह पाता प्लांट में प्राइवेट जॉब करते हैं, जबकि मां सुनीता देवी गृहिणी हैं मुफलिसी के बावजूद जानवी ने पाया मुकाम बेटियाँ भी किसी से पीछे नहीं रही क्षेत्र के ठेठ गांव बर्रू फफूंद निवासी सेंट साईंनाथ इंटरमीडिएट कालेज की छात्रा जानवी वर्मा ने 457 अंक (91.40 प्रतिशत) पाकर इंटरमीडिएट परीक्षा में जिले में पहला स्थान पाया है उनका कहना है कि उसका सपना आईएएस बनने का है इसके लिए दिन रात मेहनत करतीं हैं प्रतिदिन पांच घंटे सेल्फ स्टडी करतीं हैं बोलीं, हाईस्कूल के परिणाम में कुछ अंकों से टॉपर बनने से रह गईं थीं लेकिन अब उसका सपना पूरा हुआ है उनकी मां सीमा वर्मा का कहना है कि उनकी तीन बेटियां हैं तीनों बेटियों को वह अपने पैरों पर खड़ा करना चाहतीं हैं लेकिन पति विशाल वर्मा की कम आय के कारण काफी परेशानियां आतीं हैं उनके पति दुकानों पर जाकर मोती बेचने का काम करते हैं उनकी दूसरी बेटी प्रियांशी ने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है जबकि सबसे छोटी बेटी श्रेया वर्मा नौंवी की छात्रा है।
औरैया :- पढ़ाई और सकारात्मक सोच से मेधावियों ने हासिल की सफलता।
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