प्रेसनोट
*मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को जन जन तक पहुंचाएं : उप निदेशक*
महिला कल्याण विभाग के तत्वाधान और सीफार के सहयोग से हुई मंडल स्तरीय ‘जागरुक’ मीडिया कार्यशाला
सरकार की ओर से चल रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों से कराया गया रूबरू, योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु मीडिया से सहयोग की हुई अपील
अयोध्या, 29 जून 2022 ||
बाल एवं महिला हिंसा के खिलाफ सरकार सख्त है। किसी भी मुसीबत में घर या बाहर कहीं भी हेल्पलाइन 1090, 181, 1098 के जरिये तत्काल राहत पहुंचा रही है। हर थाने में महिला हेल्प डेस्क संचालित हैं। बाल संरक्षण आयोग एवं चाइल्ड लाइन बाल सुरक्षा के लिए 24 घंटे सक्रिय है। स्वयं सहायता समूहों के जरिये भी महिलाओं एवं बालिकाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। इनके सपनों को उड़ान देने के लिए सरकार कई योजनाएँ चला रही है। यह जानकारी उप निदेशक महिला कल्याण अयोध्या मंडल अश्वनी कुमार ने दी।
उप निदेशक बुधवार को शहर के निजी होटल में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मंडल स्तरीय जागरुक मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उप निदेशक ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मिशन शक्ति 4.0 के सफल संचालन एवं महिला व बाल कल्याण की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में मीडिया की अहम भूमिका पर चर्चा करना था। उन्होंने मीडिया से अपील भी की की विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिन्हे जन जन tk पहुंचने मैं मीडिया मदद करें।
उन्होने कहा कि महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के उद्देश्य से मिशन शक्ति-4 अभियान शुरू किया गया है। इसे सही मायने में धरातल पर उतारने में मीडिया की अहम भूमिका है। सभी विभाग समनव्य बनाकर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जनकल्याण के लिए सरकार की ओर से किये जा रहे निरंतर प्रयासों के क्रम में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड) का प्रारंभ जून, 2021 में किया गया । इसमें कोविड-19 संक्रमण के कारण अपने माता-पिता दोनों या उनमें से किसी एक या अपने वैद्य संरक्षक को खोने वाले बच्चों को रुपये 4000 प्रतिमाह देने का प्रावधान है। योजना के तहत मंडल में अब तक कुल 655 पात्र बच्चों को आर्थिक सहायता दिलाई गयी है। वहीं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का प्रारंभ जुलाई, 2021 में किया गया। इसमें अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों या उनमें से किसी एक या अपने वैद्य संरक्षक को खोने वाले बच्चों को रुपये 2500 प्रतिमाह दिया जाता है। इस योजना के तहत मण्डल में अब तक कुल 658 बच्चों को आर्थिक सहायता दिलाई गयी है |
महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टेट कंसल्टेंट नीरज मिश्रा ने कहा कि शहरी महिलाओं के साथ ग्रामीण महिलाओं को सशक्त होना जरूरी है। शोषण के विरुद्ध शुरुआत में ही महिलाएं अपनी आवाज उठाएँ। पुलिस उनकी सुरक्षा में 24 घंटे सेवा के लिए तत्पर है। महिलाओं के माध्यम से मिल रही शिकायतों का निष्तारण वन स्टॉप सेंटर और 181 महिला हेल्पलाइन के माध्यम से किया जा रहा है।
कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से महिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में जनपद की मण्डल स्तरीय उपलब्धियों की जानकारी साझा की गई। सीफार के अयोध्या मंडल के समन्वयक आशीष कुमार वर्मा ने एक लघु फिल्म का प्रदर्शन कर कार्यक्रम के समापन के बाद सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन महिला कल्याण विभाग अयोध्या की जिला समन्वयक निधि श्रीवास्ताव ने किया। सीफार के राज्य प्रतिनिधि लोकेश कान्त त्रिपाठी ने संस्था के कार्य और कार्यशाला आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सुल्तानपुर के ज़िला प्रोबेशन अधिकारी वीपी वर्मा, अमेठी के जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार मौर्या, सीफार के विनय श्रीवास्तव, रवि मोहन तिवारी, महेंद्र प्रताप सिंह, राज कुमार मिश्र व संतोष श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
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