कमला दयाल फाउंडेशन एवं इंटीट्यूट ऑफ आर्ट एंड कल्चर द्वारा स्नातक महिला विश्वविद्यालय में सोशल मीडिया के प्रभाव और उसके नकारात्मक पहलुओं पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सोशल मीडिया से होने वाले सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। संस्था के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने बताया की महिलाओं को साइबर रेप और अन्य खतरों का सामना करना पड़ता है जो उनकी गरिमा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।कभी-कभी उनकी तस्वीरें और वीडियो को साइबर पर लीक कर देने की धमकी दी जाती है।

कभी-कभी उनकी तस्वीरें और वीडियो लीक हो जाते हैं जिसके कारण उन्हें साइबर अपराध के लिये मजबूर किया जाता है। वही मशहूर चित्रकार संजीव गुप्ता का कहना हैं की सोशल मीडिया ने लोगों के बीच की दूरी को भी समाप्त करने का काम किया है। अब तक सोशल मीडिया नेटवर्क पर हुए अध्ययनों में उनके फायदों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, इस कारण इसके नकारात्मक प्रभावों की अनदेखी की गई है। यह अध्ययन ऑनलाइन सोशल नेटवर्क का उपयोग करने के तथाकथित ‘काले पक्ष’ पर मौजूदा सीमित काम पर आधारित है। यह ऑनलाइन सोशल नेटवर्क के सकारात्मक प्रभावों के साथ ही नकारात्मक प्रभावों को स्पष्ट करता है। वरिष्ठ पत्रकार श्रीश सिंह ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसी साइटों के उपयोग से जुड़े 46 हानिकारक प्रभावों की जानकारी दी है। इनमें से चिंता, अवसाद, परेशान किया जाना, आत्महत्या के लिए उकसाने वाले विचार, साइबर स्टॉकिंग, अपराध, ईर्ष्या, सूचना अधिभार और ऑनलाइन सुरक्षा की कमी है आदि शामिल हैं। कार्यक्रम में  राकेश प्रभाकर, दिलीप कुमार, पंकज कुमार, आरती वर्मा, रोहित कश्यप, व अजीत कुशवाहा , पंकज त्रिपाठी, कपिल गुप्ता उपस्थित रहें।

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