वरुणा नदी की सूरत बदलने के भले ही दावे किए जा रहे हो, लेकिन हकीकत कोसों दूर है। बुधवार से वरुणा  में बह रही सफेद झाग ने अधिकारियों के दावों की पोल खोल कर रख दी। दूर से देखकर अहसास हुआ कि सफेद बर्फ की चादर सी बिछी हुई है, लेकिन थोड़ा नजदीक जाने पर सच्चाई सामने आ गई कि यह सफेद झाग है।  प्रदूषण की मार झेल रही वरुणा में तटवर्ती इलाकों का कूड़ा, कचरा और सीवर के साथ ही खतरनाक केमिकल प्रवाहित होने के कारण सफेद झाग जैसी स्थिति बनी है।  वरुणा नदी की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। गर्मी के दौरान सूखे की मार झेल रही नदी में जब बरसात के बाद जलस्तर बढ़ा तो प्रदूषण ने हालत खराब कर दी। वरुणा नदी खिड़किया घाट पर सीधे गंगा में मिलती है। नदी को साफ करने के लिए योजनाएं तो ढेर सारी हैं, लेकिन हकीकत में इसे धरातल पर उतारा नहीं जा सका है।

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