जौनपुर। शासन प्रशासन पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपना दायित्व सुनिश्चित करे- सूरज विश्वकर्मा

प्रदेश में आए दिन पत्रकारों पर जानलेवा हमला,अभद्रता व दुर्व्यवहार हो रहा है।

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में आए दिन पत्रकारों पर जानलेवा हमला,अभद्रता व दुर्व्यवहार हो रहा है जिसको शासन प्रशासन को गंभीरता से लें और अपना दायित्व सुनिश्चित करें। उक्त बातें भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ जिला इकाई जौनपुर के जिलाउपाध्यक्ष सूरज विश्वकर्मा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि  जिस तरह से पत्रकार अपनी सच्ची निष्ठा और कर्तव्यपरायणता के साथ अपनी जान की परवाह किए बगैर जान जोखिम में डालकर सच्ची और निष्पक्ष खबरें जनता तक पहुंचा रहें हैं। उसी पत्रकार को जो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है उसी पर आए दिन अभद्रता, दुर्व्यवहार और जानलेवा हमले की खबर सुनने को मिलता है जो लोकतंत्र को कमजोर करने का काम करता है। पत्रकार न केवल खबरों को प्रकाशित करते हैं बल्कि उस खबर पर जांच पड़ताल कर शासन प्रशासन तक पीड़ितों की आवाज़ पहुंचाने का काम करते हैं और न्याय दिलाने में अपना बहुमूल्य योगदान देने का काम करते हैं। ऐसे में पत्रकारों पर ऐसे जानलेवा हमले यही बताता है कि शासन और प्रशासन पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और उदासीनता से इसे नजरअंदाज भी किया जा रहा है। हाल ही में अलीगढ़ में भारत समाचार के पत्रकार मुकेश गुप्ता पर जानलेवा हमला हुआ। जो निंदनीय है इसी क्रम में बलिया जिले में पेपर लीक मामले में सच्चाई बताने पर पत्रकार को ही हिरासत में लिया गया वहीं कानपुर में इससे बेहद बुरा बर्ताव किया गया मीडियाकर्मियों के साथ जो लोकतंत्र के लिए बिल्कुल सही नहीं है। शासन प्रशासन को पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपना दायित्व सुनिश्चित करें और मीडियाकर्मियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को आगे आए। अगर इसी तरह उदासीनता बरती गई तो निश्चय ही भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा, अपने पत्रकार साथियों की सुरक्षा व्यवस्था और उनकी मांग को लेकर जल्द ही रणनीति बनाई जाएगी। जिसमें प्रदेश भर के मीडियाकर्मियों को एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी और पत्रकार सुरक्षा मसौदा तैयार कर सरकार को सौंपना है और इसे अमल में लाने के लिए सरकार अपना पूरा सहयोग इस मसले पर करे और पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पत्रकार सुरक्षा योजना लागू किया जाए। यही हमारी मांग होगी। इसी क्रम में पत्रकारों की गिरफ्तारी से पहले उच्च अधिकारियों द्वारा जांच किए जाने के बाद कोई कार्यवाही किया जाए। क्यूंकि कई ऐसे मामले होते हैं जिनमें पत्रकार द्वारा खनन, घोटालों और कई योजनाओं की जांच पड़ताल के बाद निष्पक्ष खबरें प्रकाशित करने पर उक्त माफ़ियाओं के दबाव में आकर स्थानीय पुलिस बिना जांच पड़ताल के ही पत्रकार को फंसाया जाता है और उसकी गिरफ्तारी की जाती है इससे पुलिस प्रशासन के कार्यवाही पर कई सवाल खड़े होते हैं और एक तरफा कार्यवाही की जाती है इसलिए शासन प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और उचित दिशा निर्देश जारी किए जाएं ताकि पत्रकार के पत्रकारिता पर कोई सवाल खड़े न करे और जनता का विश्वास मीडियाकर्मियों पर बनी रहे।

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