मुख्यमंत्री के आदेश के बाद बेतरतीब फैले अतिक्रमण व अवैध कब्जों पर बुलडोजर तो चला पर उसकी गाज केवल कुछ ही लोगों के अतिक्रमण पर गिरा। प्रशासन के पक्षपाती रवैये पर लोगों ने सवालिया निशान खड़े कर दिए।
प्रशासन ने पालिका कर्मियों के साथ जेसीबी से सड़क के किनारे रखे टीन और टप्परों को हटवा दिया। कस्बा चौकी सुभाष नगर के बाहर अवैध अतिक्रमण कर रखी गई सब्जी, फल व पान की दुकानों को हटा दिया गया। हैरत की बात यह रही कि राजकिय आयुर्वेद व युनानी अस्पताल के बाहर अतिक्रमण की जद में रखे नगर पालिका की दर्जनों दुकानों को छुआ नही गया। कुछ ऐसा ही हाल राजकीय कन्या इंटर कॉलेज के बगल रखें फल के ठेलों को जेसीबी से हटा दिया गया लेकिन बगल में ही हाटन रोड तिराहे की दुकानों को छुआ तक नहीं गया। डाकखाना वह रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सड़क पर अवैध अतिक्रमण कर रखे गए होटल,पान की ढाबली,टीन टप्पर पर शासन ने नज़रें इनायत कर वैसे ही छोड़ दिया गया। इसी तरह गोंडा मोड़ तिराहे पर सड़क पर ही बनी नगर पालिका की दुकान, श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा के इंटरलॉकिंग पटरी पर टीन की ढाबली में अवैध रूप से रखा गया एटीएम, एवं उसी द्वारा कार्यालय के सामने अवैध रूप से अतिक्रमण कर रखे गए पेड़ पौधे, टीन टप्पर को नजर अंदाज कर दिया गया। इसी तरह नगर पालिका द्वारा अवैध अतिक्रमण कर सड़क पर बनाया गया पक्का यात्री शेड, कोतवाली के बगल सड़क पर बना सामुदायिक शौचालय, अतिक्रमण के जद में आ रहा पुलिस बूथ के बगल सब्जी की दुकान को प्रशासन व पालिका कर्मियों द्वारा छुआ तक नहीं गया। उजाड़े गए दुकानदारों ने कहा कि वास्तव में प्रशासन का काम गरीबों को परेशान करना है।
अगर हटाना ही है तो निजी, सरकारी व गैर सरकारी सबको एक साथ हटाएं। न तो अवैध कब्जा किए दबंगों को छुआ गया है और न ही अतिक्रमण के जद में आ रही पालिका की जमीन पर बनी पक्की दुकानों को गिराया गया जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
असग़र अली
उतरौला
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