ऐतिहासिक दुखहरण नाथ पोखरे के निर्माण मे व्यापक धांधली का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने जांच करा कर स्टीमेट के अनुरूप काम कराने की मांग की है।
स्थानीय निवासी रामनाथ गुप्त, राजेश पुरी, मोहित गुप्त का कहना है कि पोखरे के सुंदरीकरण के लिए 1.33 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं। इस धनराशि से पोखरे के चारों तरफ की जर्जर व पुरानी दीवार को गिराकर पिलर के साथ नयी दीवार उठाने का काम भी शामिल है। लेकिन पोखरे के दक्षिण तरफ की जर्जर दीवार को अभी तक ठीक नहीं कराया गया है। पोखरे के तल में चारों तरफ से एक मीटर की गहराई तक सिल्ट निकालने के लिए लगभग चार लाख रुपये रखे गये हैं। पानी सूख जाने के बाद अभी तक सिल्ट नहीं निकाला गया है। लोगों का कहना है कि जान बूझकर कर सिल्ट निकालने में लापरवाही की जा रही है ताकि बारिश में पोखरे मे पानी भर जाने के बाद इस काम के लिए आबंटित राशि का बंदरबांट कर लिया जाए। पोखरे के बीच मे पानी का फौव्वारा भी बनाया जाना है। इस काम के लिए सवा लाख रुपये से अधिक की रकम रखी गई है। संदीप कुमार, अमन, अश्विनी, प्रमोद का कहना है कि जब सिल्ट की सफाई ही नहीं हो पाएगी तो फाउंटेन लगाने का औचित्य नहीं रह जाएगा। बड़े बजट वाले इस काम की मॉनीटरिंग अनेक प्रार्थना पत्र देने के बाद भी नहीं कराई जा रही है। व्यापक गड़बड़ी की आशंका जताते हुए स्थानीय लोगों ने कराए गए कामों की तकनीकी जांच कराने की मांग की है।
ईओ अवधेश वर्मा का कहना है कि स्टीमेट में जितने कामों को शामिल किया गया है उतना काम पूरा होने के बाद ही भुगतान किया जाएगा। सिल्ट की सफाई बरसात होने से पहले कराने का आदेश ठेकेदार को दिया जाएगा।
असग़र अली
उतरौला
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