जौनपुर। योग मन शरीर और शक्ति का मिलन है- आशुतोष त्रिपाठी
जौनपुर। योग भारत की एक प्राचीन संस्कृति है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पत्रकार संगोष्ठी के माध्यम से अपना विचार व्यक्त करते हुए भौतिकी प्रवक्ता आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि"व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं। आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥" योग मन, शरीर और आत्मा का मिलन करवाता है। मन की शांति के लिए योग ही केवल एक जरिया है। योग हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। शरीर और मन के लिए योग के फायदे अनगिनत हैं। दुनिया को हमारी प्राचीन कला और उनके फायदों के बारे में अवगत करवाने के लिए भारत के नेतृत्व में पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। हर व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन होता है, जिसे हमेशा संजोकर रखना बहुत जरूरी है। स्वस्थ शरीर से ही व्यक्ति को हर कार्य करने में मन लगता है। योगा एक ऐसी कला है, जिससे व्यक्ति अपने आपको स्वस्थ रख सकता है। यहां तक कि योगा से व्यक्ति कई प्रकार के शारीरिक बीमारियों से उभर सकता है। योग कला हमारे प्राचीन संस्कृति की देन है, हमारे पूर्वज योगा किया करते थे। यही कारण है कि वे स्वस्थ रहा करते थे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगा के महत्व को समझा और पूरे विश्व को इसका लाभ लेने का सुझाव दिया। उन्हीं के प्रयासों से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know