ई-कैबिनेट
से जुड़ सकेंगे आम नागरिक
प्रोटोकॉल पोर्टल को शीघ्र शुरू किया
जाएगा
ई-गवर्नेंस में नए क्षेत्रों को जोड़ा जा
रहा
लखनऊ, 17 जून
उतर प्रदेश
में ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत सेवाएं दिए जाने में शीघ्र
ही विस्तार किया जा रहा है जिसके लिए नैशनल इन्फॉर्मैटिक्स सेंटर (एनआईसी या
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) द्वारा लगातार काम किया जा रहा है।
एनआईसी भारत
सरकार के इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन इकाई है और उत्तर
प्रदेश में देशव्यापी डिजिटल सेवाएं प्रदान करती है। वर्तमान में इसके द्वारा
मुख्य मंत्री कार्यालय में कई महत्वपूर्ण सेवाएं दी जा रहीं हैं जिनमें जनसुनवाई
पोर्टल (आईजीआरएस), सी एम हेल्पलाइन 1076,
मुख्य मंत्री राहतकोष पोर्टल, सीएमआईएस पोर्टल,
ई-कैबिनेट, निवेश मित्र, एंटी भू-माफिया पोर्टल और एंटी-करप्शन पोर्टल शामिल हैं।
आने वाले
समय में प्रोटोकॉल पोर्टल की शुरुआत,
और ई-कैबिनेट में नागरिकों को जोड़ने के कार्य प्रस्तावित हैं।
प्रोटोकॉल पोर्टल पर उत्तर प्रदेश आने वाले माननीय विभूतियों के आगमन से जुड़े सभी
कार्य, जैसे उनके दौरे का अनुमोदन, परिवहन
की सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था, रहने,
भोजन की व्यवस्था आदि को त्वरित तरीके से पूरा किया जाएगा। सभी
संबंधित दस्तावेज, बिल आदि ऑनलाइन अपलोड किये जा सकेंगे।
उल्लेखनीय
है कि जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) में अभी तक कुल 3 करोड़ 54 लाख 37 हजार 467 शिकायतें पंजीकृत हुईं हैं जिनमें 3 करोड़ 48 लाख 87 हजार 377 को निबटाया
जा चुका है। इसमे यह प्रावधान है कि नागरिक अपने आवेदन दर्ज कर सकते हैं और उनकी
प्रगति देख सकते हैं, रिमाइंडर भेज सकते हैं और अपनी राय भी
दे सकते हैं। दूसरी ओर, हेल्पलाइन 1076
पर अभी तक 1 करोड़ 1 लाख 61 हजार 355 शिकायतें दर्ज हुईं हैं और इनमे से 96 प्रतिशत को निबटाया जा चुका है।
मुख्य
मंत्री राहत कोष के माध्यम से अब तक रु 393 करोड़, 72 लाख 31 हजार 642 रुपये की धनराशि को 22,006 लाभार्थियों के बीच
वितरित किया जा चुका है। मुख्य मंत्री अनुश्रवण प्रणाली (सीएमआईएस पोर्टल) द्वारा
रु 1 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाले औद्योगिक प्रस्तावों
की प्रगति को मानिटर किया जा रहा है। ऐसे 13,773 प्रस्तावों
में 5,132 पूरे किये जा चुके हैं और 8,641 में कार्य प्रगति पर है।
ई-कैबिनेट
पोर्टल एक अत्यंत महत्वपूर्ण सेवा है जिसमे कैबिनेट की बैठकों को आयोजित करना, और निर्णयों के अनुरूप कार्यवाई को मानिटर
किया जाता है। इसमें मुख्य मंत्री, कैबिनेट के मंत्री,
मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव सूचना व अन्य संबंधित सचिव जोड़े
जाते हैं। शीघ्र ही इसमे नागरिकों को भी जोड़े जाने का प्रस्ताव है, जिस पर कार्य किया जा रहा है।
निवेश मित्र
पोर्टल पर 29 सरकारी विभागों की 354 सेवाएं एकीकृत की गई है, और बिना किसी संपर्क किये,
आवेदन देने से लेकर ऑनलाइन भुगतान, मॉनिटरिंग,
अनुमोदन, संबंधित प्रमाण पत्रों की उपलब्धता
आदि सुनिश्चित की जाती है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश “ईज़ ऑफ डूइंग बिजनस” की
रैंकिंग में देश में दूसरे स्थान पर है, और यह निवेश मित्र
को लागू करने के बाद संभव हुआ।
एंटी-भू
माफिया पोर्टल के माध्यम से अब तक 3 लाख 26 हजार 342 प्रकरण
प्राप्त हुए जिनमें 3 लाख 22 हजार 248 को निस्तारित किया गया और 49 हजार 516 हेक्टेयर ग्रामीण भूमि रिक्त कराई गई। शहरी क्षेत्रों में कुल 1 करोड़ 52 लाख 54 हजार 875 वर्ग मीटर भूमि रिक्त कराई गई।
मुख्य
मंत्री एंटी करप्शन पोर्टल पर कोई भी नागरिक किसी भी विभाग या अधिकारी के विरुद्ध
भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करा सकता है। अभी तक इस पर कुल 6,264 मामले पंजीकृत किये गए हैं। इस पर औडियो
या विडियो भी अपलोड किये जा सकते हैं और इन्हे पूर्ण रूप से गोपनीय रखा जाता है।
ई-गवर्नेंस
के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश भारत में अग्रणी प्रदेश है। ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना
के अंतर्गत देश में सर्वाधिक सेवाएं ऑन लाइन की गई हैं। इनमें ऑफिस, अस्पताल, मानव संपदा,
काउन्सेलिंग, परिवहन, एकीकृत
वित्त, नगर सेवा, भूलेख, परीक्षा, एमएसएमई, छात्रवृत्ति,
सामाजिक पेंशन, पीडीएस (सार्वजनिक वितरण
प्रणाली), स्टाम्प रजिस्ट्रैशन, शिक्षा
और राहत शामिल हैं। इसके अलावा जो कार्य संचालित हो रहे हैं वे हैं - देश की
वृहदतम विधान सभा का सर्वप्रथम डिजीटलीकरण; ऑनलाइन
छात्रवृत्ति प्रणाली का पूरे देश में सर्वप्रथम क्रियान्वयन; कोषागार कंप्यूटरीकरण में देश में अग्रणी; ई-तुला
प्रणाली का देश में अग्रणी क्रियान्वयन; डिजिटल लैंड
परियोजना; खाद्य एवं रसद विभाग का कंप्यूटरीकरण; स्वामित्व परियोजना का तीव्र गति से क्रियान्वयन; और
परियोजनाओं के प्रभावी अनुश्रवण के लिए ऑन लाइन दर्पण डैशबोर्ड का क्रियान्वयन।
उत्तर प्रदेश को श्रेष्ठ ई-गवर्नेंस राज्य का पुरस्कार मिला है और कई सेवाओं को
अन्य राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
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