जौनपुर। जीआरपी सिपाही हत्याकांड में फाइनल बहस शुरू, पूर्व सांसद हैं इस मामले में आरोपी
जौनपुर। चार फरवरी 1995 को हुए जीआरपी सिपाही हत्याकांड में एमपी एमएलए कोर्ट में फाइनल बहस शुरू हो गई है। बुधवार को सीबीसीआइडी के सरकारी अधिवक्ता मृत्युंजय सिंह, शासकीय अधिवक्ता अनिल सिंह व लाल बहादुर पाल ने बहस शुरू की। अभियोजन घटना का समर्थन किया। शेष बहस के लिए 13 जून तिथि नियत की गई है। पिछली तिथि पर पूर्व सांसद उमाकांत यादव ने साक्ष्य प्रस्तुत करने का प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में ही त्वरित निस्तारण का निर्देश दिया है। मुकदमे की मानीटरिग सीबीसीआइडी कर रही है। जीआरपी सिपाही रघुनाथ सिंह ने एफआइआर दर्ज कराई थी कि चार फरवरी 1995 को दो बजे दिन में राइफल, पिस्टल, रिवाल्वर से अंधाधुंध फायरिग करते हुए आरोपित आए और पुलिस लाकअप में बंद चालक राजकुमार यादव को जबरन छुड़ा ले गए। गोलीकांड में सिपाही अजय सिंह, लल्लन सिंह तथा एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। चारों तरफ भय और आतंक का माहौल व्याप्त हो गया था और अफरा-तफरी मच गई थी। पूर्व सांसद उमाकांत यादव, राजकुमार यादव, धर्मराज यादव, महेंद्र, सूबेदार, बच्चू लाल समेत सात को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया। बीच में पत्रावली एमपी एमएलए कोर्ट प्रयागराज चली गई। पुन: हाईकोर्ट के निर्देश पर पत्रावली दीवानी न्यायालय में स्थानांतरित हुई और यहां के एमपी एमएलए कोर्ट में बहस चल रही है।
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