*जेडीसी के पत्र से मनरेगा कर्मियों में मची हलचल*

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अयोध्या- जिले में बीते वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के अंतर्गत नियमों को धता बताते हुये किये गये पौधरोपण के नाम पर की गई लाखों रुपये की हेराफेरी की खबर को संज्ञान में लेते हुये संयुक्त विकास आयुक्त अरविंद कुमार जैन के पत्र ने मनरेगा कर्मचारियों में खलबली मचा दिया है।

‘हिन्दुस्तान’ ने बीते दिनों मनरेगा योजना के अंतर्गत चार ब्लाकों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कराये गये पौधरोपण के नाम पर लाखों रुपये की हेराफेरी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। सूत्रों के अनुसार खबर के प्रकाशित होने पर संयुक्त विकास आयुक्त अयोध्या मंडल अरविंद कुमार जैन ने संज्ञान में लेते हुये जिले के तारुन, पूराबाजार, सोहावल तथा मसौधा के खंड विकास अधिकारियों से छह बिंदुओं पर आख्या मांगी है। जेडीसी के पत्र में मनरेगा कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया है। जेडीसी ने पत्र में उल्लेख किया है कि मनरेगा योजना के अंतर्गत विकास खंड की कितनी ग्राम पंचायतों में प्राइवेट नर्सरी से कितनी संख्या में पौधरोपण कराया गया है तथा ग्राम पंचायत में श्रम एवं सामग्री पर व्यय की गई धनराशि की सूचना उपलब्ध कराई जाये।

पौधरोपण पर वर्ष 21-22 में कितनी धनराशि व्यय की गई है। उन्होंने साफ शब्दों में जबाव मांगा है कि क्या प्राइवेट नर्सरी से पौधे क्रय करने से पूर्व उद्यान विभाग एवं वन विभाग से एनओसी ली गई है। इसके अलावा क्या प्राइवेट नर्सरी से पौध क्रय करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लिया गया है कि वन विभाग एवं उद्यान विभाग में पौध उपलब्ध नहीं रह गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने उन नर्सरियों का नाम भी मांगा है जहां से पौध क्रय किये गये। संयुक्त विकास आयुक्त द्वारा बीडीओ से मांगे गये जवाबों को हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से खबर में लिया था। उक्त तथ्यों को दरकिनार करते हुये फर्मों से पौध क्रय किये गये थे, जिसकी मनचाही कीमत भी नर्सरी के मालिकों द्वारा लगाकर वसूल किया गया है।

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