रामनगर वाराणसी  स्थित पराग डेयरी बायोगैस से संचालित की जाएगी। यहां उर्जा संरक्षण के उद्देश्य से 100 टन की क्षमता का एक और बायोगैस प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इससे प्रतिदिन चार हजार क्यूबिक मीटर गैस और करीब दो हजार यूनिट बिजली तैयार की जाएगी। यह शाहंशाहपुर बायोगैस प्लांट से काफी अलग होगा।     प्रदेश में पहली बार किसी डेयरी को उर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बायोगैस प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। रामनगर स्थित औद्योगिक क्षेत्र फेज वन में पराग डेयरी परिसर के ढाई एकड़ क्षेत्रफल में 24 करोड़ रुपये की लागत से 100 टन की क्षमता का बायोगैस प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इसे अक्तूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। लगभग 35 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अक्तूबर तक प्लांट के बनकर तैयार होने की उम्मीद है। निर्माण के बाद प्रतिदिन चार हजार क्यूबिक मीटर गैस और दो हजार यूनिट करीब बिजली भी तैयार होगी। इसका उपयोग प्लांट में बॉयलर चलाने और विद्युत उपकरणों के चलाने में किया जाएगा।  रोज 100 टन गोबर होगी जरूरत ।
सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि प्लांट को पूरी क्षमता से चलाने के लिए प्रतिदिन 100 टन गोबर की जरूरत होगी। समितियों से जुडे़ किसानों से गोबर खरीदा जाएगा। दूध के साथ गोबर की खरीद से किसानों को दोहरा फायदा होगा।

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