स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए थे शौचालय।
सिद्धार्थनगर को ODF घोषित होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का खुले में शौच जाना बंद नहीं हो रहा है। स्वच्छता मिशन के तहत गांवों में हर घर शौचालयों का निर्माण कराया गया था। इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक भनवापुर 111 ग्राम पंचायतों में 28,540 और डुमरियागंज ब्लॉक की 115 ग्राम पंचायतों में 28,432 शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इसमें लाभार्थियों को शौचालय निर्माण के लिए 12-12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण कार्य जोर-शोर से कराया गया था।
2018 में घोषित किया गया था ओडीएफ
करीब चार वर्ष पूर्व 2018 में जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था, लेकिन जो स्थिति वर्तमान में है। वह कहीं न कहीं कई सवाल खड़े करती है। गांवों में आज भी पुरुष और महिलाएं सुबह-शाम हाथ में लोटा लेकर खेतों, नदी, पोखरों, तालाबों की ओर खुले में शौच करने के लिए जा रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने प्रोत्साहन राशि लेकर शौचालय का निर्माण तो करा लिया, लेकिन उसका उपयोग शौच करने के बजाय भूसा, उपले और लकड़ियां रखने में कर रहे हैं।
डुमरियागंज ब्लॉक 115 ग्राम पंचायतों में 28,432 शौचालयों का निर्माण कराया गया है।
डुमरियागंज ब्लॉक 115 ग्राम पंचायतों में 28,432 शौचालयों का निर्माण कराया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन हुआ फेल
जबकि शासन ने लोगों को शौचालय का उपयोग करने के लिए सुबह-शाम जागरूक करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत स्तर पर दी थी। कुछ महीनों तक तो जागरुकता अभियान और गोष्ठी आयोजित हुईं, लेकिन जैसे ही जिला खुले में शौचमुक्त घोषित हुआ।
सत्येंद्र उपाध्याय
सिद्धार्थनगर
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