*संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर*
अयोध्या...
पौधारोपण कर अयोध्या को हरियाली में परिवर्तन करने का लक्ष्य निर्धारित किया ।
विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून को पूरे देश में पर्यावरण को संरक्षित करने और लोगों में पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम केंद्र व प्रदेश सरकार के द्वारा किया गया । इस अवसर पर यह अनुभव उत्साहित करने वाला है कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता पहले की भांति ज्यादा दिखाई देती है । तीन-चार दशक पूर्व तक पर्यावरण की सहेज-संभाल के लिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत नहीं थी। बदलते दौर के साथ इस दिशा में प्रयास की जरूरत महसूस हुई और लोगों ने पर्यावरण को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा हुईं। इसी समाज से श्रवणजीत कनौजिया और आचार्य शिवेंद्र जैसे पर्यावरण प्रेमी परिवर्तन के वाहक बन कर सामने आए। आज ऐसे प्रयास से रामनगरी की आबोहवा बदल भी रही है। श्रवणजीत ने 30 हजार से अधिक पौधे रोप कर ट्री मैन की पहचान बनाई है, तो आचार्य शिवेंद्र पौधा रोपण के साथ पक्षी संरक्षण का अभियान छेड़ कर संवेदनशील और समर्पित पर्यावरण प्रेमी के तौर पर सामने आए हैं। अपने धुन के पक्के और समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वाले श्रवणजीत कनौजिया के अभियान की शुरुआत आठ सितंबर 2012 को बेटी आकांक्षा के जन्म पर हुआ। इस अवसर पर उन्होंने मंडल कारागार स्थित महान क्रांतिकारी अशफाक उल्ला की शहादत स्थली पर चंदन का पौधा रोपित किया। साथ ही नारा दिया,
'वृक्ष लगाए हर इंसान,
पैदा हो जब घर संतान'।
दूसरा नारा दिया, '
शादी का जब उत्सव आए, वर-वधू मिल कर पौध लगाएं।'। उनका यह नारा मंत्र बन गया और उनके प्रयास से आज 30 हजार से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। इस अभियान से श्रवणजीत ने मिल्कीपुर तहसील के ग्राम परसपुर सथरा को हरियाली में परिवर्तित किया बल्कि आज इस ग्रामसभा में न केवल नीम, आम, पीपली जैसे बहुतायत में पाए जाने वाले वृक्षों है इसके अलावा यह गांव रुद्राक्ष, चंदन, शमी जैसे दुर्लभ वृक्षों से भी युक्त है ।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know