*अयोध्या में दिनदहाड़े 22 मिनट में गर्भवती शिक्षिका की हत्या गर्दन और शरीर पर नुकीले और धारदार हथियारों से 2 दर्जन से अधिक वार किए गए थे.*

*अयोध्या*
उत्तर प्रदेश के अयोध्या (UP Ayodhya) में 1 जून को दिनदहाड़े गर्भवती अध्यापिका की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अब तक पुलिस को हत्यारों का कोई सुराग नहीं लगा है. इस हत्याकांड को 22 मिनट में अंजाम दिया गया था. अयोध्या में कर दी गई थी गर्भवती अध्यापिका की हत्या.  अयोध्या में कर दी गई थी गर्भवती अध्यापिका की हत्या. अध्यापिका की हत्या को लेकर राजनीति शुरूविपक्ष ने योगी सरकार पर साधा निशाना उत्तर प्रदेश के अयोध्या में गर्भवती अध्यापिका सुप्रिया वर्मा की दिनदहाड़े उसके घर में हत्या कर दी गई थी. यह केस जितना सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रस्साकशी का केंद्र बन गया है, उतना ही सनसनीखेज और चौंकाने वाला भी है. 22 मिनट की इस अनसुलझी घटना के पीछे ढेरों सवाल खड़े हो रहे हैं. इन सवालों को सुलझाए बिना हत्यारों और घटना के पीछे के कारणों तक पहुंचना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. मुख्य विपक्षी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सीधे ट्वीट कर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए तो उनकी पार्टी के नेता अब आधी आबादी की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. बता दें कि 1 जून को अयोध्या के श्रीरामपुरम कॉलोनी में 31 साल की गर्भवती अध्यापिका सुप्रिया वर्मा की उसके घर पर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उसके गर्दन और शरीर पर नुकीले और धारदार हथियारों से 2 दर्जन से अधिक वार किए गए थे. जिस समय यह घटना घटी, उस समय घर की छत पर कई मजदूर काम कर रहे थे. आसपास सटे कई मकान भी हैं, लेकिन घटना की जानकारी किसी को नहीं हुई. सुप्रिया की मां को लेकर उसका पति 10 बजकर 52 मिनट पर एटीएम कार्ड लेने बैंक गया था. 11 बजकर 14 मिनट पर वापस आया. यानी वारदात इसी बीच 22 मिनट में हुई.हत्यारों ने अलमारी का लॉकर भी कोड से खोला और सुप्रिया और उसकी मां के जेवर और 1 लाख रुपये लेकर फरार हो गए. सुप्रिया के शरीर पर दो दर्जन से अधिक घाव बताते हैं कि कातिलों का मकसद लूटना नहीं, बल्कि हत्या करना था. जिस तरह नुकीले और धारदार  हथियारों का प्रयोग हुआ, शरीर पर 22 से अधिक वार किए गए, यह बताता है कि हत्यारे को सुप्रिया से कितनी नफरत रही होगी. हत्यारे ने उसकी गर्दन के पीछे और आगे दोनों तरफ ही नहीं, बल्कि गर्भवती सुप्रिया के पेट पर भी कई वार किए. घटना की सूचना पुलिस को लगभग डेढ़ घंटे बाद मिली, वह भी अयोध्या ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दी. शुरू में परिजनों को लगा कि बच्चे का मिसकैरेज हुआ है, इसीलिए वह लगातार डॉक्टरों से मिसकैरेज की बात कर रहे थे, जबकि डॉक्टरों ने साफ कहा कि यह हत्या का मामला है. इसके बाद पुलिस ने शव को ट्रॉमा सेंटर से अपने कब्जे में लिया और उसके बाद घटनास्थल पहुंची। मृतक महिला के पिता सुरेश वर्मा ने कहा कि बिटिया का स्वभाव ऐसा था कि कोई कैसे उससे नफरत कर सकता है. दामाद भी साथ में था, हम उसको भी ब्लेम नहीं कर सकते. पुलिस इंक्वायरी करे. कौन ऐसा कर सकता है, किससे दुश्मनी हो सकती है, मुझे नहीं पता. अयोध्या के एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ चुकी है. रिपोर्ट के आधार पर सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. आसपास के जितने भी सीसीटीवी फुटेज हैं, उनको खंगाला है. सभी पहलुओं पर काम कर रहे हैं.

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