चित्रकूट धाम में 3312.90 लाख रुपये की लागत से पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाएं पूरी
लखनऊ: 03 जून, 2022
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम के रामायण सर्किट योजना के अंतर्गत जनपद चित्रकूट में पर्यटन विकास के लिए 4312.90 लाख रुपये की धनराशि व्यय करके विभिन्न विकास कार्य कराये गये हैं। इन कार्यों से संबंधित क्लोजर रिपोर्ट भारत सरकार को प्रेषित कर दी गयी है।
पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट में खासतौर से परिक्रमा पथ पर कवर्ड शेड, रामायण टैक्सी स्टैण्ड पर फूड प्लाजा, पार्किंग, प्रसाधन सुविधा, परिक्रमा पथ पर मॉडर्न टॉयलेट की सुविधा, टुरिस्ट फैसिलिटी सेन्टर, फुट ओवरब्रिज, लास्टमाइल कनेक्टीविटी, डिजिटल इन्टरवेंशन, रामायण गैलरी एवं रामघाट पर लेजर शो आदि कार्य पूरा कराये गये हैं।
इन बुनियादी सुविधाओं के पूरा होने से श्रद्धालुओं एवं अगन्तुकों को उच्चस्तरीय सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। इसके साथ ही स्थानीय जनमानस को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं, जिससे आम लोगों के लिए आमदनी का एक बेहतर विकल्प प्राप्त हुआ है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि पवित्र धाम चित्रकूट बुन्देलखण्ड क्षेत्र में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है, जिसके कारण सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पूरातात्विक महत्व रखता है। यह भगवान श्रीराम की कर्मभूमि है। वनवास के दौरान भगवान श्रीराम 11 वर्ष चित्रकूट में ही बिताये थे। चित्रकूट में लाखों की संख्या में पर्यटक वर्षभर आते-जाते रहते हैं। विशेष पर्वों के अवसर पर यहां पर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ रहती है।
लखनऊ: 03 जून, 2022
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम के रामायण सर्किट योजना के अंतर्गत जनपद चित्रकूट में पर्यटन विकास के लिए 4312.90 लाख रुपये की धनराशि व्यय करके विभिन्न विकास कार्य कराये गये हैं। इन कार्यों से संबंधित क्लोजर रिपोर्ट भारत सरकार को प्रेषित कर दी गयी है।
पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट में खासतौर से परिक्रमा पथ पर कवर्ड शेड, रामायण टैक्सी स्टैण्ड पर फूड प्लाजा, पार्किंग, प्रसाधन सुविधा, परिक्रमा पथ पर मॉडर्न टॉयलेट की सुविधा, टुरिस्ट फैसिलिटी सेन्टर, फुट ओवरब्रिज, लास्टमाइल कनेक्टीविटी, डिजिटल इन्टरवेंशन, रामायण गैलरी एवं रामघाट पर लेजर शो आदि कार्य पूरा कराये गये हैं।
इन बुनियादी सुविधाओं के पूरा होने से श्रद्धालुओं एवं अगन्तुकों को उच्चस्तरीय सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। इसके साथ ही स्थानीय जनमानस को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं, जिससे आम लोगों के लिए आमदनी का एक बेहतर विकल्प प्राप्त हुआ है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि पवित्र धाम चित्रकूट बुन्देलखण्ड क्षेत्र में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है, जिसके कारण सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पूरातात्विक महत्व रखता है। यह भगवान श्रीराम की कर्मभूमि है। वनवास के दौरान भगवान श्रीराम 11 वर्ष चित्रकूट में ही बिताये थे। चित्रकूट में लाखों की संख्या में पर्यटक वर्षभर आते-जाते रहते हैं। विशेष पर्वों के अवसर पर यहां पर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ रहती है।
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