-जे0के0 एजूकेशनल ग्रामीण विकास समिति: सात दिवसीय नेत्र परीक्षण शिविर में इलाज शुरू, आंखों की नि:शुल्क जांच व चश्मे भी दिएं
-निगोहां के ग्राम लालपुर स्थित टोल प्लाजा के समीप “अपना ढाबा” पर 24 से 30 जून तक शिविर का होगा संचालन
-भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्री संजीव मिश्रा ने किया कार्यक्रम का उदघाटन
लखनऊ, 24 जून। सड़क हादसों पर रोक लग सके। इस मकसद से लखनऊ के निगोहां टोल प्लाज के समीप स्थित ''अपना ढाबा'' पर सात दिवसीय नेत्र परीक्षण शिविर का शुक्रवार को शुभारम्भ करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्री संजीव मिश्रा ने कहा कि रोड सेफ्टी के तहत ट्रक चालकों के आंखों की जांच जरूरी है। यदि ट्रक चालकों को लम्बी दूरी तक देखने में परेशानी होती है तो इससे दुर्घटना की संभावनाएं बढती हैं। यह नेत्र शिविर दुर्घटना से बचाव में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने आवाहन करते हुए कहा कि ट्रक चालकों को शिविर में अपने आंखों की नि:शुल्क जांच कराकर लाभ उठाना चाहिए।
राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से जे0के0 एजूकेशनल ग्रामीण विकास समिति, लखनऊ द्वारा शिविर का संचालन किया जा रहा है। यह शिविर 24 से 30 जून तक चलेगा। शिविर में ट्रक चालकों के आंखों की नि:शुल्क जांच के साथ उन्हें नि:शुल्क चश्में भी दिए गएं। इस अवसर पर संस्था द्वारा शुक्रवार को शिविर में पहुंचने पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्री संजीव मिश्रा जी का जोरदार स्वागत किया गया।
शिविर के पहले दिन दोपहर तक लगभग 42 ट्रक चालकों के आंखों का परीक्षण किया गया, उन्हें नि:शुल्क चश्मा भी उपलब्ध कराया गया। संस्था के वालंटियर ट्रक चालकों से अनुरोध कर उनकी आंखों का नि:शुल्क परीक्षण करा रहे थे।
इस अवसर पर श्री मिश्रा ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ट्रक चालकों के हित में उनकी आंखों की मुफ्त जांच एवं मुफ्त चश्मा वितरण कर रही है। ऐसा पहले किसी सरकार में नहीं हुआ। सबका साथ, सबका विकास और सबमें विश्वास पैदा करने का यह अभियान सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी जी की दूरदर्शी नीति का परिणाम है। माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश का हर तबका तरक्की कर रहा है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नेत्र सर्जन डा पी.एल. राव और डा आशीष शुक्ला सहित श्री प्रभाकर त्रिवेदी 'प्रधान' पुरहिया, श्री आर.डी.शुक्ला, श्री सत्य प्रकाश शर्मा, श्री राजेश मिश्रा, श्री प्रदीप त्रिवेदी, श्री हृदय नारायण श्रीवास्तव, एडवोकेट हसीन जहां, श्री प्रमोद कुमार मिश्रा, श्री रमेश चन्द्रा, श्री विनय कुमार मिश्रा, डा. कंचन और डा. अभय तिवारी का अहम योगदान रहा।
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