जौनपुर:- गर्मी के साथ झुलसा रही महंगाई की आग
जौनपुर। कोरोना महामारी के दौरान आम आदमी की आर्थिक स्थिति पहले से ही बिगड़ी चल रही है। गर्मी के साथ अब महंगाई की आग झुलसा रही है बच्चों की पढ़ाई महंगी हो गई है। खामोशी से फीस बढ़ा दी गई है, कापी-किताब के रेट भी बढ़ गए। बच्चों की पढ़ाई के साथ भवन का निर्माण कराना भी मुश्किल हो गया है। ईंट, सीमेंट आदि के दाम बढ़ गये गया है, शहर के परमानपुर मोहल्ले की रीना मौर्य अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नसीहत दे रही थीं। कह रही थीं कि स्कूल की फीस से लेकर कापी-किताब, ड्रेस सब कुछ महंगा हो गया है। महंगाई पर चर्चा छिड़ने पर कहने लगीं मध्यम वर्गीय परिवार का खर्च में संतुलन बनाना मुश्किल हो गया है। एक के बच्चे की कापी-किताब छह हजार में आ रही है। बच्चा बड़ी क्लास में है तो इसका बजट सात से आठ हजार रुपये तक पहुंच जा रहा है। स्कूल बस का किराया भी  बढ़ा दिया गया है। ड्रेस और बैग का खर्चा अलग है। चांदमारी मोहल्ले के राम सिंह ने भवन निर्माण पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ की चर्चा करते हुए कहा कि अब तो मकान बनवाना बहुत मुश्किल काम हो गया है। रेट बताते हुए कहने लगे सीमेंट के कट्टे का भाव 100 रुपये बढ़ गया है। सरिया का भाव आसमान पर पहुंच गया था अब कुछ गिरा है।   ईंट के भाव में भी बढ़ोत्तरी हो गई है। कोरोना महामारी के बाद निर्माण सामग्री के भाव इतने बढ़ गए कि लागत डेढ़ गुनी तक पहुंच गई है। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए दो कमरे का मकान बनवाना भी आसान नहीं रह गया है।   उनका कहना था कि परिवार में जो खर्च बढ़ चुके हैं, उनमें कटौती करनी मुश्किल हो रही है। दवाओं के दाम भी बढ़ गए हैं, मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने पर पता लग पा रहा है। आय के स्त्रोत बढ़ने के बजाय घट गए हैं। इन हालातों में बच्चों की पढ़ाई से लेकर मकान निर्माण की जिम्मेदारी का निर्वहन करना अब आसान काम नहीं रह गया है।

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