प्रदेश स्तरीय माफिया अपराधी रिजवान जहीर की करीब 3 करोड़ 26 लाख रूपये की सम्पत्ति कुर्क/जप्त की गई।

*श्रीमान जिला मजिस्ट्रेट* महोदय के आदेश के क्रम में *पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुमार सक्सेना* के निर्देशन में एवं अपर पुलिस अधीक्षक श्रीमती नम्रिता श्रीवास्तव व श्रीमान क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर  कुंवर प्रभात सिंह व उप जिलाधिकारी तुलसीपुर मंगलेश दुबे के पर्यवेक्षण मे तथा प्रभारी निरीक्षक तुलसीपुर,व प्रभारी निरीक्षक  को0 गैसड़ी के नेतृत्व में
 
आज दिनांक 12 मई 2022 को जनपद बलरामपुर पुलिस द्वारा प्रदेश स्तर पर चिन्हितअपराधी/माफिया के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के क्रम में थाना- तुलसीपुर क्षेत्र अंतर्गत जिलाधिकारी महोदय बलरामपुर के वाद संख्या 195/22 व बलरामपुर पुलिस की आख्या पर विचारोपरान्त दिनाँक 12.05.2022 को गैंगेस्टर एक्ट की धारा 14(1) के अंतर्गत माफिया अपराधी रिजवान जहीर पुत्र स्व जहीरूल्हक,निवासी तुलसीपुर थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर व उसके परिजनो की तुलसीपुर स्थिति सम्पत्ति जिसका विवरण निम्नवत है- 

1. गाटा संख्या- 298 मि0 रक्बा 1.313 हे0
2. गाटा संख्या- 295 रकबा 0.162 हे0
3. उसमे बना मकान/कोठी एंव उसमे मौजूद सामान की कुर्की की गई।
*उक्त जप्त/कुर्क सम्पत्तियो की अनुमानित कीमत करीब 3 करोड़ 26 लाख 63 हजार 779 रूपये है।* 
कार्यवाही करने वाली टीम में
1.उपजिलाधिकारी महोदय तुलसीपुर 
2.क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर श्री कुंवर प्रभात सिंह 
3. प्र0नि0को0 गैसड़ी श्री मय हमराह फोर्स 
4.पुलिस व राजस्व टीम मौजूद रहे।

    बताते चलें बलरामपुर की राजनीति में निर्दल से राजनीति शुरू कर सपा बसपा, कांग्रेस पीस पार्टी सहित कई दलों में राह चुके रिजवान जहीर एक समय काफी तगड़े जमीनी नेता के रूप में स्थापित हो चुके थे। बलरामपुर संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रहे व तुलसीपुर से तीन बार विधायक रहे बाहुबली नेता की श्रेणी में रिजवान जहीर का नाम प्रदेश में चर्चित रहा है ।
 एक समय ऐसा भी रहा है जब रिजवान ज़हीर के रसूख के आगे मंडल में कोई दूसरा नेता नजर ही नही आता था इन्होंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव तक को भी अपने खिलाफ चुनाव लड़ने का खुला चैलेंज दे दिया था । कि जब आप चाहें आकर लड़ लें जो उस दौर में एक बहुत बड़ी बात मानी जाती थी।
उस दौर में रिजवान ज़हीर के प्रभाव के आगे बड़े से बड़ा नेता किनारा काट जाता था। इनकी पत्नी हुमा जहीर बलरामपुर से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।रिजवान जहीर का प्रभाव न केवल बलरामपुर जिले की राजनीति में प्रभावशाली रहा है बल्कि अगल बगल के जिलों जैसे बस्ती, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, बढ़नी, श्रावस्ती, बहराइच सहित दर्जनों जगहों में खासा प्रभाव रहा है यही नही देश के नामी गिरामी नेताओ से रिजवान जहीर का काफी गहरा संबंध और प्रभाव रहा है। बाहुबली सांसद रहे अतीक अहमद के बुरे दिन शुरू कराने में इनकी  बड़ी भूमिका मानी जाती है क्योंकि इनके दांव के आगे अतीक अहमद बलरामपुर से हारकर बुरे दौर में चले गए थे। 
ज्ञात होगा कि श्रावस्ती लोकसभा से 2014 का चुनाव सपा से लड़ रहे अतीक अहमद को एक लाख वोट से हराने में रिजवान जहीर ने मुख्य भूमिका निभाई थी क्योंकि रिजवान जहीर ने एक लाख से अधिक वोटो को काट डाला जो सपा के माने जा रहे थे और इसी से अतीकअहमद को हार का मुह देखना पड़ा ।
इनके अपराध के इतिहास पर नजर डालें तो एक दौर ऐसा भी रहा है जब रिजवान जहीर के खिलाफ मुकदमे लिखाने की हिम्मत अच्छे अच्छो में नही होती थी । छात्र राजनीति से सार्वजनिक राजनीति में उतरे रिजवान जहीर ने बलरामपुर में जनता के बीच एक विशेष पैठ बना ली। बलरामपुर में युवाओं के बीच गुटबाजी और अदावत का एक बड़ा इतिहास रहा है जिसमे गुटबाजी और गैंगवार जैसे हालातो ने 90 के दशक में रिजवान जहीर को एक विशेष वर्ग का मसीहा बना दिया और लोग रिजवान जहीर की एक झलक पाने को घंटो इंतजार किया करते थे ।हो भी क्यों न रिजवान जहीर रॉबिनहुड टाइप के नेता के रूप में उभर चुके थे ।
रिजवान जहीर गरीब व जनता के मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते।  हर समय हर घड़ी गरीबो के लिए अपने दरवाजे खुले रखते फिर वो चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम हो या कोई और। 
एक दौर ऐसा भी रहा है जब बलरामपुर की राजनीति के लगभग हर छोटे बड़े फैसलों में रिजवान जहीर की सहमति ली जाती थी । लेकिन वक्त जब करवट लेता है तो किसी को नही छोड़ता। क्या राजा क्या प्रजा। रिजवान जहीर ने हाल ही में यू पी के सीएम तक कि धोती खोलकर वापस भेजदेने जैसे विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ गए थे ।
इनके आपराधिक इतिहास को संछिप्त रूप से देखें तो पता चलता है कि पूर्व सांसद रिजवान जहीर पर लगभग 14 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं इनमें हत्या, बलबा समेत कई अन्य मामले हैं।

लोगो की माने तो इनके लिए विगत पंचायत चुनाव ही सबसे घातक साबित हो गया जब इनके समर्थकों ने  पंचायत चुनाव में इनकी बेटी को जिलापंचायत सदस्य जिताने के लिए बवाल कर डाला।
नवानगर से पूर्व जिलापंचायत सदस्य दीपांकर सिंह की पत्नी अरुणिमा सिंह के खिलाफ रिजवा जहीर की बेटी  चुनाव लड़ रही थी। इन दोनों के समर्थकों के बीच आपस मे किसी मामले को लेकर चुनाव की समाप्ति पर बवाल हो गया। इसके पश्चात रिजवान जहीर के समर्थकों और इनके दामाद ने दीपांकर सिंह के वाहनों को आग के हवाले कर दिया ।किसी तरह दीपांकर सिंह अपनी जान बचाकर वहां से निकले और मामला काफी गंभीर हो गया।  योगिराज में गुंडे माफियाओं पर जमीनी स्तर पर पहले से ही कार्यवाही का सिलसिला गतिमान था।गुंडों माफियाओं के खिलाफ एक विशेष सफाई अभियान शुरू था। ऐसे में इनका यह वर्ताव प्रसाशन को नागवार गुजरा। तत्काल जिला प्रसाशन ने इसे गंभीरता से लिया और शख्ती करते हुए इनपर एनएसए जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए। रिजवान जहीर और इनके समर्थकों को जेल भेज दिया गया। तत्पश्चात जेल से रिहा होकर विधानसभा चुनाव 22 की आहट देख रिजवान जहीर ने कांग्रेस का दामन छोड़ साइकिल की सवारी कर ली और अपनी बेटी को तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा के प्रत्याशी के लिए राजनैतिक पृष्ठभूमि बना ली लेकिन इसी बीच इनके ही एक शागिर्द फिरोज पप्पू ने सपा मुख्यालय से संपर्क स्थापित करते हुए टिकट के लिए दावेदारी पेश कर दी और इनपर भारी पड़ने लगे अब इनके समर्थकों को लगा फिरोज पप्पू टिकट पा लेंगे। 
इसी बीच फिरोज पप्पू की हत्या कर दी गयी।  फिरोज पप्पू तुलसीपुर नगरपालिका से चेयरमैन रह चुके थे।तथा वर्तमान में पप्पू की पत्नी कहकशा फिरोज चेयरमैन भी हैं पप्पू का प्रभाव राजनीति में काफी बढ़ गया था। इसी बीच पुलिस ने इस हत्यकांड का खुलासा करते हुए साक्ष्यों सहित बताया कि फिरोज पप्पू की हत्या में रिजवान जहीर इनकी बेटी और दामाद ही मुख्य किरदार है इन्हें इस हत्यकांड में बेटी दामाद और कुछ सहयोगियों सहित जेल जाना पड़ा। 
अब चुनाव बाद फिर से योगी सरकार आ गयी है जो माफियाओं पर धड़ाधड़ कार्यवाही कर रही है इसी क्रम में आज इनपर कार्यवाही शुरू कर दी गयी। इनकी अवैध सम्पत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया का पहला चरण समाप्त हुआ है






उमेश चंद्र तिवारी
9129813351
हिन्दीसंवाद न्यूज
बलरामपुर

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