केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी ने की जिले के अधिकारियों के साथ बैठक,
आकांक्षात्मक जनपद की प्रगति का लिया जायज़ा
बहराइच 04 मई। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच के लिए नामित केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी/संयुक्त सचिव, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एण्ड आई.टी. भारत सरकार अमितेश कुमार सिन्हा ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में नीति आयोग द्वारा निर्धारित सूचकांकों के प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद का एक उद्देश्य यह भी है कि आमजन में जनजागरूकता भी लायी जाये ताकि सक्षम लोग स्वयं भी नये-नये तरीके अपनाकर आगे बढ़ सकें। इससे पूर्व कलेक्ट्रेट सभागार पहुॅचने पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने अंगवस्त्र भेंट कर केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी का स्वागत किया।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने बताया कि आकांक्षात्मक जनपद में मिशन कायाकल्प के तहत 119 उप स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव की सुविधा विकसित करने के बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आयें है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव की सुविधा उपलब्ध हो जाने से जहॉ एक ओर गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अपने घर से दूर नहीं जाना पड़ता, वहीं दूसरी ओर त्वरित चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो जाने से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आयी है। डॉ. चन्द्र ने यह भी बताया कि जिले को कुपोषण की समस्या से निजात दिलाये जाने के उद्देश्य से शासन की मंशानुरूप वीएचएसएनडी व मॉडल वीएचएसएनडी सत्रों का आयोजन मानक के अनुसार किया जा रहा है।
डीएम ने बताया कि ऑगनबाड़ी केन्द्रों व विद्यालय परिसरों में पोषण वाटिका की स्थापना के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुपोषण घरों में भी कुपोषित बच्चों को अनुमन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। साथ ही भर्ती एवं डिस्चार्ज बच्चों का फालोअप भी कराया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भर्ती मरीज़ो को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराये जाने हेतु स्वय सहायता समूहों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था भी करायी जा रही है। डीएम डॉ. चन्द्र ने बताया कि जनपद में सफल अवशेष व पराली प्रबन्ध के लिए अभिनव प्रयोग किये जा रहे हैं। जिले के किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे फसल अवशेष तथा पेड़ पौधों की सूखी पत्तियों को आग के हवाले न करें बल्कि स्थानीय फैक्ट्री को सप्लाई कर उससे अतिरिक्त आय अर्जित करें। डीएम ने प्रभारी अधिकारी को बताया कि एक स्थानीय फैक्ट्री फसल अवशेष से पिलेट्स तैयार कर उसकी आपूर्ति एनटीपीसी के ऊर्जा संयंत्रों को करती है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए सिविल लाइन एरिया में बी-2 बाज़ार की स्थापना की गई है। इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार में भी बी-2 बाज़ार की सथापना की गयी है ताकि वनों के आस-पास रहने वाली थारू जनजाति के हस्तशिल्पों को नई पहचान दिलायी जा सके। डॉ. चन्द्र ने बताया कि कृषि प्रधान जनपद में कृषि सेक्टर में भी अभिनव प्रयोग किये जा रहे हैं। लोगों को जैविक खेती के लिए जागरूक करने के साथ-साथ कड़कनाथ मुर्गा पालन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना ने भी विकास के क्षेत्र में अर्जित की गयी उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया।
केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित सूचकांको कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, वित्तीय समावेश, इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रगति की समीक्षा करते हुए जनपद में उपलब्ध मानव संसाधनों की स्थिति, गैर सरकारी संगठनों तथा डेवलपमेन्ट पार्टनर्स के विभागों के समन्वय की स्थिति, गुडवर्क के कारण प्राप्त पुरस्कार राशि, रैंक के आधार पर तथा प्राप्त हुई अतिरिक्त धनराशि के सदुपयोग की स्थिति के बारे में समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अभिनव प्रयोगों को इसी प्रकार से जारी रखा जाय तथा महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रभावी ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के बन्दोबस्त किये जायें ताकि जिले की पहचान के साथ लोगों की आय में भी इज़ाफा हो सके।
इस अवसर पर सीएमओ एस.के. सिंह, उप जिलाधिकारी सदर सौरभ गंगवार आईएएस, डीडीओ राजेश कुमार मिश्र, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार सिंह, डीडी एग्री टी.पी. शाही, डीआईओएस डा. चन्द्रपाल, डीसी एनआरएलएम संजय सिंह, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार, बीएसए अजय कुमार, डॉ. पीयूष नायक चिकित्साधिकारी आयुर्वेद सहित अन्य सम्बन्धित लोग मौजूूद रहे।
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