मंगलवार को जब सब लोग ईद की नमाज के बाद अपने घरों में अपने परिवार के साथ खुशियां मना रहे थे। मैसेजेस और सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे को ईद की बधाई देने का सिलसिला चल रहा था।
उस वक्त समाज के गरीबों, पिछड़ो के प्रति हमेशा चिंतित रहने वाले समाजसेवी साजिदा हॉस्पिटल उतरौला, अब्दुल हमीद वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष, मदर टेरेसा वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय सचिव डॉ एहसान खान जिला कारागार में बंद कैदियों के प्रति चिंतित थे। फिर क्या था डॉ एहसान खान ने ईद की नमाज पढ़ने के बाद जिला कारागार बलरामपुर में बंद बंदियों के साथ खुशियों का पल बांटने ईद की बधाई एवं तोहफा देने के लिए जिला कारागार बलरामपुर पहुंच गए।
जिला कारागार में मौजूद लगभग 545 बंदीयो को ईद का खास पकवान किमामी व सूखी सेवईयां, फल, दूध, मिठाई, बिस्कुट, तेल, डिब्बा बंद फ्रेश जूस, साबुन आदि दैनिक जरूरत की वस्तुएं वितरित किया।
डॉ एहसान खान ने कहा कि जिले में कई ऐसे परिवार हैं, जिनके अपने किसी न किसी अपराध की या तो सज़ा काट रहे हैं या फिर विचाराधीन मामलों में जेल मे निरुद्ध हैं। ऐसे बंदियो के लिए जिला जेल प्रशासन की अनुमति से जेल के अंदर ही ईद पर्व की खुशीयों को कैदीयों संग मनाए जाने का प्रबंध किया गया है। जेल मे बंदी भले ही किसी जुर्म या फिर किसी मामले में विचाराधीन कैदी हों, लेकिन वह सामाजिक रूप से समाज व परिवार का हिस्सा होता है। ऐसे में जेल में बंद बंदीयो के साथ ईद की खुशीयां बांटने का प्रयास किया हूं।
इस दौरान पर डॉक्टर अताउल्लाह खान, कलीमुल्ला, काजी अफजाल, शहजाद मौजूद रहे।
असग़र अली
उतरौला
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