जौनपुर:- आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह के शिशुओं का कराया गया अन्नप्राशन

जौनपुर। बदलापुर विकासखंड के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिशुओं के अन्नप्राशन कराया गया। साथ ही शिशु के स्वजनों को शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार उपयोग करने की जानकारी दी गई। बताते चले कि जिले में बाल कुपोषण को दूर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई कि बाल कुपोषण को कम करने में अनुपूरक आहार की अहम भूमिका होती है। छह माह तक शिशु का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन लगभग तीन गुना एवं लंबाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाती है। इस क्रम मे घनश्यामपुर बाजार मे स्थित आगनबाड़ी केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री कमलेश, कुसुम एवं कलावती ने जानकारी देते हुए बताया कि शिशुओं के वजन, लंबाई, तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास हेतु पौष्टिक व पूरक आहार की आवश्यकता होती है। इसलिए 6 माह के बाद शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार देना चाहिए। 6 माह से 8 माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल-चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस, खूब मसले साग एवं फल प्रतिदिन दो बार 2 से 3 भरे हुए चम्मच से देना चाहिए। ऐसे ही 9 माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन 3 से 4 बार एवं 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं धुले एवं कटे फल को प्रतिदिन भोजन एवं नास्ते में देना चाहिए। जीवन के दो वर्षों में तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है। इसके लिए अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत होती है। इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर  प्रत्येक माह छह माह के शिशुओं का अन्नप्राशन कराया जाता है।

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