उत्तराखंड
और उत्तर प्रदेश की भाव और भावना एक: सीएम योगी
"अलकनंदा और
भागीरथी" के मिलने से बनती है गंगा, यूपी-उत्तराखंड
मिलकर पूरा करेंगे प्रधानमंत्री का सपना: योगी
उत्तराखंड सरकार को मिला अलकनंदा अतिथि
गृह का स्वामित्व, यूपी के लिए भव्य
भागीरथी लोकार्पित
उत्तराखंड में स्प्रिचुअल और इको
टूरिज्म की अपार संभावनाएं
लखनऊ, 05 मई:
उत्तर
प्रदेश और उत्तराखंड के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा। दोनों राज्यों के बीच
तीन दशक से चले आ रहे एक विवाद का पटाक्षेप करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अलकनंदा अतिथि
गृह की चाबी सौंपी तो उत्तर प्रदेशवासियों के लिए हरिद्वार में नवनिर्मित भव्य
भागीरथी भवन का लोकार्पण किया। माँ गंगा तट के पर आयोजित संपन्न कार्यक्रम को
मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप बताया। उन्होंने
कहा कि माँ गंगा भारत के जीवनधारा की आत्मा हैं। गंगा तब बनती है जब अलकनंदा और
भागीरथी एक साथ मिलती हैं। प्रधानमंत्री जी ने हमें विवादों को संवाद से सुलझाना
सिखाया है और इसी भावना के साथ दोनों राज्यों के बीच विवादों का समाधान होना संभव
हुआ।
पूज्य संतों, धर्माचार्यों, अनेक
पूर्व मुख्यमंत्री गणों, उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों की
उपस्थिति में मुख्यमंत्री योगी ने दोनों राज्यों के समग्र विकास के लिए साथ-साथ
मिलकर काम करने की जरूरत बताई। उत्तराखंड को अपनी माँ और मातृभूमि कहते हुए सीएम
योगी ने कहा कि उत्तराखंड में स्प्रिचुअल टूरिज्म और इको टूरिज्म की अपार
सम्भावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता सहित पूरे
भारत से कौन ऐसा है जो उत्तराखंड के चार धाम का पुण्य लाभ नहीं लेना चाहता,
ऐसा कोई नहीं जो हर की पैड़ी पर स्नान नहीं करना चाहता। यहां हर मौसम
में पर्यटन के अवसर हैं। चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ,
यमुनोत्री और गंगोत्री की ओर लोग आने को उत्सुक हैं तो दूसरे सीजन
में कुमाऊं, नैनीताल, झूंसी मठ से जुड़े
अनेक हिल स्टेशन भी लोगों को लालायित करता है। यही नहीं, हाल
के वर्षों में यहां फारेस्ट कवर भी बढ़ा है, जो इको टूरिज्म
की संभावनाओं को बल देने वाला गया। सीएम योगी ने डबल इंजन की सरकार में देवभूमि
उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, ऋषिकेश,
आदि आध्यत्मिक स्थलों के पर्यटन विकास के लिए जारी प्रयासों की
सराहना की। इन पावन स्थलों को आस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय एकात्मता को तेज और ओज
देने के केंद्र की संज्ञा देते हुए सीएम योगी ने विश्वास जताया कि यहां विकास की
यह यात्रा सभी के सुख-समृद्धि का कारक बनेगी।
काशी में 50 लोग पूजन नहीं कर पाते थे, आज 50 हजार लोग होते हैं मौजूद
उत्तर
प्रदेश में अयोध्या दीपोत्सव, काशी देव दीपावली, बरसाना रंगोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव के भव्य आयोजनों की चर्चा करते हुए सीएम ने अयोध्या,
काशी, शुक तीर्थ, नैमिष
धाम, राजापुर, आदि पावन, आध्यत्मिक ऊर्जा के केंद्रों के समग्र विकास के कार्यक्रमों की भी जानकारी
दी। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में काशी में श्रीकाशीविश्वनाथ धाम कॉरिडोर
निर्माण के बाद बदली परिस्थितियों की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जहां 50 लोग एक साथ पूजा-पाठ नहीं कर सकते थे आज 50 हजार
लोग एक साथ उपस्थित रहते हैं। मुख्य पर्वों पर तो 05 लाख लोग
दर्शन कर रहे हैं।
वेदालाइफ-निरामयम् में लिया आड़ू और
खुमैनी का स्वाद
पौड़ी-गढ़वाल
में पतंजलि योगपीठ द्वारा नवविकसित योग,
आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की इंटीग्रेटेड थेरेपी के
अत्याधुनिक केंद्र "वेदालाइफ-निरामयम्" भ्रमण के अनुभवों को भी साझा
किया। सीएम ने बताया कि वहां उन्होंने आड़ू और खुमैनी जैसे फलों का आनंद लिया।
उन्होंने कहा कि एक सूखी पहाड़ी पर, जहां मोटे पत्थर हुआ करते
थे, वहां 40 हजार से अधिक वृक्षों का
एक मनोरम जंगल बसा दिया गया है। यह पूरा क्षेत्र किसी ऋषि की साधना स्थली लगती है।
कल देश के मैदानी क्षेत्रों में जब 45℃
तापमान था तब हम लोग वहां 15℃
का आनंद ले रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि यह केंद्र हेल्थ टूरिज्म को
बढ़ावा देने के साथ ही व्यापक पैमाने पर रोजगार सृजन का कारक भी बनेगा।
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