रेशम का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य
अपेक्षाओं पर खरा न उतरने पर अधिकारियों के खिलाफ होगी
सख्त कार्रवाई
विगत पांच वर्षों के सापेक्ष अगले सालों में रेशम उत्पान की
गतिविधियां युद्ध स्तर पर संचालित की जाय
-श्री राकेश सचान
लखनऊ: 04 मई, 2022
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा तथा रेशम मंत्री श्री राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अपेक्षा के अनुरूप किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आगामी पांच वर्षों में रेशम का उत्पादन दोगुना करना है। प्रदेश में रेशम की खपत लगभग 3000 मी0टन है, जबकि उत्पादन केवल 300 मी0टन है। इस अंतर को पूरा करने के लिए पात्र लाभार्थियों का चयन किया जाये। इसके साथ ही कोया व धागा उत्पादन बढ़ाने पर विशेष बल दिया जाये। लाभार्थियों की हैण्डहोल्डिंग करके उनको तकनीकी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अपेक्षाओं पर खरे न उतरने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जाये।
श्री सचान ने यह निर्देश आज खादी भवन में रेशम विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों के सापेक्ष अगले सालों में रेशम उत्पान की गतिविधियां युद्ध स्तर पर संचालित की जाय। उन्होंने पिछले पांच वर्ष के बजट के खर्च का विवरण उपलब्ध कराने निर्देश दिये। यह भी कहा कि विगत पांच वर्षों में रीलिंग मशीन से कितना धागा तैयार किया गया उसकी सूचना दी जाय। इसके अतिरिक्त उन्होंने टूलकिट लाभार्थियों की सूचना, कीट पालक गृह के निर्माण स्थिति तथा प्रत्येक जिले में क्रियाशील कीट पालन गृहों का विवरण उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक के दौरान निदेशक रेशम श्री नरेन्द्र पटेल ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 44 जनपदों में शहतूती, 13 में टसर तथा 8 जनपदों में एरी रेशम क उत्पादन हो रहा है। रिसर्च के पश्चात 31 जनपदों में इनको केन्द्रीयकृत करने की कार्यवाही चल रही है। उन्होंने बताया किसान एक एकड़ क्षेत्र में कीट पालन कर वर्ष में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी कर सकते है। इसलिए अधिक से अधिक किसानों को इस व्यवसाय से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
बैठक में जनपदीय अधिकारी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अपेक्षाओं पर खरा न उतरने पर अधिकारियों के खिलाफ होगी
सख्त कार्रवाई
विगत पांच वर्षों के सापेक्ष अगले सालों में रेशम उत्पान की
गतिविधियां युद्ध स्तर पर संचालित की जाय
-श्री राकेश सचान
लखनऊ: 04 मई, 2022
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा तथा रेशम मंत्री श्री राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अपेक्षा के अनुरूप किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आगामी पांच वर्षों में रेशम का उत्पादन दोगुना करना है। प्रदेश में रेशम की खपत लगभग 3000 मी0टन है, जबकि उत्पादन केवल 300 मी0टन है। इस अंतर को पूरा करने के लिए पात्र लाभार्थियों का चयन किया जाये। इसके साथ ही कोया व धागा उत्पादन बढ़ाने पर विशेष बल दिया जाये। लाभार्थियों की हैण्डहोल्डिंग करके उनको तकनीकी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अपेक्षाओं पर खरे न उतरने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जाये।
श्री सचान ने यह निर्देश आज खादी भवन में रेशम विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों के सापेक्ष अगले सालों में रेशम उत्पान की गतिविधियां युद्ध स्तर पर संचालित की जाय। उन्होंने पिछले पांच वर्ष के बजट के खर्च का विवरण उपलब्ध कराने निर्देश दिये। यह भी कहा कि विगत पांच वर्षों में रीलिंग मशीन से कितना धागा तैयार किया गया उसकी सूचना दी जाय। इसके अतिरिक्त उन्होंने टूलकिट लाभार्थियों की सूचना, कीट पालक गृह के निर्माण स्थिति तथा प्रत्येक जिले में क्रियाशील कीट पालन गृहों का विवरण उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक के दौरान निदेशक रेशम श्री नरेन्द्र पटेल ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 44 जनपदों में शहतूती, 13 में टसर तथा 8 जनपदों में एरी रेशम क उत्पादन हो रहा है। रिसर्च के पश्चात 31 जनपदों में इनको केन्द्रीयकृत करने की कार्यवाही चल रही है। उन्होंने बताया किसान एक एकड़ क्षेत्र में कीट पालन कर वर्ष में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी कर सकते है। इसलिए अधिक से अधिक किसानों को इस व्यवसाय से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
बैठक में जनपदीय अधिकारी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know