*रोजगार सेवक ने बैंक खाताधारक के खाते से उड़ाए लाखों रुपए,धोखाधड़ी व गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज*
*बीकापुर/अयोध्या*
बीकापुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत असरेवां के रोजगार सेवक शैलेंद्र कुमार पांडे मनरेगा मजदूरों की हाजिरी में हेराफेरी करके भुगतान में धोखाधड़ी किए जाने के बाद अपने जन सेवा केंद्र से गांव के ही एक व्यक्ति के खाते से 1 लाख 12 हजार रुपए उड़ा दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
पीड़ित खाताधारक की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी रोजगार सेवक एवं जन सेवा केंद्र संचालक के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित आईपीसी की धारा 419 420 504 506 सहित गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार भी कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रामदेव मौर्या पुत्र सुदीन मौर्य निवासी ग्राम सभा असरेवा ने कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि उसका बचत खाता ग्रामीण बैंक के कोछाबाजार शाखा में स्थित है। जिसका खाता नंबर 55190100001442 है। खाताधारक का आरोप है कि उनकी ग्राम पंचायत असरेवा के रोजगार सेवक शैलेंद्र कुमार पांडे पुत्र सत्यदेव पांडे थाना कोतवाली बीकापुर जो कि जन सेवा केंद्र भी चलाता है। धोखाधड़ी करके कई बार में 1 लाख 12 हजार रामदेव मौर्या के खाते से शैलेंद्र कुमार पांडे ने अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। रामदेव मौर्य जब बीते 30 अप्रैल को अपने खाते से पैसा निकलवाने गया तो उसे बैंक से जानकारी मिली कि तुम्हारे खाते में कुल 90 रुपए बचा है। इसकी शिकायत रामदेव मौर्य ने बैंक के शाख प्रबंधक व थाना कोतवाली से करते हुए अपने आते हुए लेनदेन का स्टेटमेंट लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने थाने भी पहुंच गया।
पीड़ित बैंक खाताधारक रामदेव मौर्य ने जब रोजगार सेवक शैलेंद्र कुमार पांडे से पूछा कि तो रोजगार सेवक ने गाली गलौज करते हुए अपने दरवाजे से भगा दिया था तथा शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दे डाली थी। उधर शिकायत मिलने के बाद बीकापुर कोतवाली पुलिस प्रकरण की गहन छानबीन में जुट गई जहां रोजगार सेवक शैलेंद्र कुमार पांडे का काला कारनामा उजागर हुआ जिसके बाद कोतवाली पुलिस हरकत में आई और आरोपी जन सेवा केंद्र संचालक व रोजगार सेवक को पकड़कर थाने ले आई तथा कड़ी पूछताछ की। पुलिसिया पूछताछ के दौरान आरोपी शैलेंद्र कुमार पांडे ने सारी दास्तान बयां कर दी।
बताते चलें कि यह वही रोजगार सेवक है जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान असरेवा अनीता यादव ने मजदूरों से दूरभि संधि करके उनको पैसा का लालच देते हुए उनके जॉब कार्ड पर फर्जी हाजिरी चढ़ाकर भुगतान करने और उनसे पैसा वापस लेने की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी। किंतु आरोपी रोजगार सेवक के प्रभाव में आकर मामले के जांच अधिकारियों ने प्रकरण को रफा-दफा कर दिया था।
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