पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन एवं प्रासाद परियोजना के तहत कराये गये कार्यों की क्लोजर रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर पेश की जाए
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थानों को मानक के अनुसार पूर्ण कराया जाए अन्यथा संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी-श्री जयवीर सिंह
लखनऊ: 18 मई, 2022
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित स्वदेश दर्शन एवं प्रासाद परियोजना की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित कार्यदायी संस्थाओं एवं अधिकारियों को निर्देश दिया कि आगामी एक सप्ताह के अंतर्गत अवशेष कार्य पूर्ण कराकर क्लोजर रिपोर्ट पेश करें। निर्धारित अवधि तक क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर कार्यदायी संस्था एवं संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि घटिया निर्माण एवं अधोमानक सामग्री का उपयोग पाये जाने पर 15 प्रतिशत धनराशि की कटौती की जायेगी।
पर्यटन मंत्री आज पर्यटन निदेशालय में भारत सरकार की परियोजना स्वदेश दर्शन एवं प्रासाद के अंतर्गत समेकित पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओ-रामायण सर्किट (अयोध्या), बुद्धिष्ट सर्किट (कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती), वाराणसी फेज-1, फेज-2 एवं क्रूज बोट के संचालन की योजनायें एवं उनके क्रियान्वयन के बारे में कार्यदायी संस्थाओं जैसे राजकीय निर्माण निगम, सिंचाई विभाग, उ0प्र0 पॉवर कॉपरोशन लि0, सी0एण्ड0डी0एस0, जलनिगम, उ0प्र0 प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लि0 इकाई-13 बांदा से विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में अधोमानक सामग्री उपयोग करने वाली संस्थाओं को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अवशेष कार्यों को निर्धारित समय के अंदर गुणवत्ता के साथ पूर्ण कर लें और क्लोजर रिपोर्ट समय से प्रस्तुत करेें ताकि भारत सरकार को अवगत कराते हुए और परियोजनाओं के बारे में स्वीकृति प्राप्त की जा सके।
पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम रामायण सर्किट के अंतर्गत अयोध्या के समेकित पर्यटन विकास के लिए विभिन्न निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। उन्होंने योजना की क्लोजर रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसी प्रकार रामायण सर्किट के अंतर्गत चित्रकूट व श्रृंगवेरपुर समेकित पर्यटन विकास की योजनाओं की भी पूर्णतः रिपोर्ट पेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि अयोध्या, वाराणसी सहित अन्य स्थानों पर कराये जा रहे कार्यों में उच्च कोटि की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं को देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालू देश-विदेश से आते हैं। गुणवत्ता खराब होने पर लोगांे में गलत संदेश जाता है।
इसके अलावा श्री जयवीर सिंह ने स्वदेश दर्शन के अंतर्गत बुद्धिष्ट सर्किट के अंतर्गत कपिलवस्तु, श्रावस्ती, कुशीनगर का समेकित पर्यटन विकास की परियोजनाओं की भी जानकारी ली। इसके अलावा आध्यात्मिक सर्किट-3 के अंतर्गत सिमोनी बाबा धाम-बांदा, जेवर, दादरी, सिकंदराबाद, नोएडा, खुर्जा की भी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने आध्यात्मिक सर्किट-4 के अंतर्गत गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर के पर्यटन विकास व देवीपाटन मंदिर, देवीपाटन व वटवासिनी मंदिर के भी प्रगति की समीक्षा की।
श्री जयवीर सिंह ने प्रासाद स्कीम के अंतर्गत वाराणसी के पर्यटन विकास फेज-1 के क्लोजर रिपोर्ट तथा प्रासाद स्कीम के तहत जनपद वाराणसी में पूरी की गयी विभिन्न परियोजनाओं की क्लोजर रिपोर्ट तथा जनपद मथुरा में गोवर्धन क्षेत्र के समेकित पर्यटन विकास की योजनाओं को जून-2022 तक हरहाल में पूरा किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता का अनुपालन कड़ाई से किया जाए। घटिया सामग्री के उपयोग पर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
इस मौके पर पर्यटन मंत्री के समक्ष सीतापुर में स्थित नैमिषारण्य का मास्टर प्लान, जनपद संतकबीरनगर के मगहर धाम का समेकित पर्यटन विकास, जनपद फर्रूखाबाद में स्थित बौद्ध पर्यटन स्थल संकिसा के पर्यटन व सुविधाओं का विकास, जनपद गोरखपुर स्थित शहीद स्थल चौरी-चौरा का पर्यटन विकास एवं गोरखपुर में ही स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट की स्थापना तथा सिटी म्यूजियम शौर्य संग्रहालय के निर्माण संबंधी परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
महानिदेशक पर्यटन एवं प्रमुख सचिव श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने स्वदेश दर्शन एवं प्रासाद स्कीम के अंतर्गत कुछ स्थानों पर अधोमानक सामग्री का उपयोग किये जाने पर कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम से संबंधित अधिकारियों के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए निर्माण कार्य में सुधार लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बहानेबाजी नहीं चलेगी। अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों के निर्माण में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा, आवश्यकता पड़ने पर संबंधित पीएम/जीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन संस्थानों में किये गये घटिया निर्माण से देश व प्रदेश की छवि खराब होती है क्योंकि इन स्थानों पर देश-विदेश से पर्यटक आते रहते हैं। इस अवसर पर कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी तथा पर्यटन विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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