जौनपुर। शराब तस्करों को पकड़ने आती है एसटीएफ

जौनपुर। जिले के थाना रामपुर थाना क्षेत्र में एसटीएफ फील्ड युनिट प्रयागराज व रामपुर थाने की संयुक्त टीम द्वारा कुल 38592 बोतल तथा कुल 17,640.36 लीटर शराब के साथ तीन अभियुक्तों गिरफ्तार किया गया। बरामद शराब की अनुमानित कीमत पुलिस ने दो करोड़ बताया। रामपुर क्षेत्र में एसटीएफ प्रयागराज की टीम आकर वहां के थाने की पुलिस को साथ लेती है लेकिन रामपुर थाने की पुलिस को इस शराब तस्करी के बारे में जानकारी न होना संदिग्ध प्रतीत होता है। आम लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय पुलिस क्या वसूली के लिए है जो एसटीएफ आकर छापा मार रही है। अथवा थानों की पुलिस इस धन्धे बाजों को पकड़ने का साहस नहीं कर पाती। पुलिस के मुखबिर कहां चले जाते हैं, इस थाना क्षेत्र में ही नहीं सभी थाना क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर भारी पैमाने पर शराब की तस्करी हो रही है और सूत्रों का कहना है कि यह धन्धा पुलिस की जानकारी में होता है और वहां से मोटी रकम वसूली जाती है। जब दूसरी एजेन्सी यहां आकर छापा मारती है तो पुलिस उसमें जबरन अपना पीठ थपथपाने लगती है। शराब की तस्करी से राजस्व का भारी नुकसान होता है। लोग कहते हैं कि पुलिस को सिर्फ अपने निर्धारित रूपये मिलने चाहिए, नुकसान सरकार का भले हो। शराब, गांजा और अन्य मादक पदार्थ अफीम, स्मैक, चरस आदि भी अनेक ठिकानों पर पुलिस की मिली भगत से बेचे जा रहे है। यदा कदा गांजा में अन्य छोटे मामलों में चालान कर खानापूर्ति कर दिया जाता है। इन नशे के धन्धे में युवा पीढ़ी बर्बाद होकर अपने भविष्य का सत्यानाश कर रहीे है। शहर में गांजे और स्मैक का धन्धा हर मोहल्ले में खुलेआम चल रहा है। पुलिस वहां प्रायः देखी जाती है इस प्रकार के धन्धेबाज पुलिस की सेवा करते हैं और उनकी जेब भी भरते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवैध शराब का धन्धा हर मौसम में चटका रहता है। इस समय लगन में तो इसकी धूम मची हुई है। बताते हैं कि तस्करी में कुछ सफेदपेाश भी शामिल है जिन्हे राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। इसकी वजह से भी पुलिस उनपर हाथ डालने से परहेज करती है।

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