मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देश में उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षो में अधिकाधिक तकनीकी, टेक्नोलाजी विधि का उपयोग शासकीय कार्यों में किया गया है। इसका परिणाम है कि प्रत्येक क्षेत्र में नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जो पेंशनधारकों को यह सुविधा प्रदान कर रहा है।
ई-पोर्टल पेंशन प्रक्रिया भी इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके माध्यम से पेंशनधारकों को पेंशन के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। इस पोर्टल चालू होने से प्रदेश के लगभग 11.50 लाख पेंशनर सीधे लाभांवित हो सकेंगे। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा कि सरकारी कर्मचारी व अधिकारी जीवन के लगभग 30 से 35 वर्ष योगदान के उपरांत सेवानिवृत्त होते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को पेंशन व अन्य देयकों के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। इसके लिए जिला प्रशासन का प्रयास होगा कि सेवानिवृत्त के तत्काल बाद सभी देयकों को तत्काल प्रदान किया जा सके। इस दिशा में ई-पेंशन पोर्टल मील का पत्थर साबित होगा। इस दौरान मंडलायुक्त योगेश्वरराम मिश्र, वरिष्ठ कोषाधिकारी राजकुमार गुप्ता आदि थे।
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