उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के
अध्यक्ष श्री रामबाबू हरित ने की प्रेसवार्ता
जून 2021 से मई 2022 तक आयोग द्वारा 4262 प्रकरण निस्तारित
लखनऊ: 31 मई 2022
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रामबाबू हरित ने आज इन्दिरा भवन के अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि जून 2021 से मई 2022 तक आयोग में कुल 6210 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 4262 प्रकरणों में संबंधित विभागों से आख्याएं मंगाकर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया।
आयोग द्वारा 31 अगस्त 2021 से पूर्व में विचाराधीन 342 और 328 नये प्रकरण तथा कुल 670 प्रकरणों की सुनवाई की गई। सुनवाई के उपरान्त 448 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। शेष 222 प्रकरणों में अग्रिम सुनवाई नियत है।
उन्होंने कहा कि आयोग को जो भी शिकायतें मिलती हैं उनका संज्ञान लेकर त्वरित निस्तारण कराया गया। आर्थिक सहायता से संबंधित मामलों में 92 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पीड़ित परिवार को 01 करोड़ 74 लाख 91 हजार 250 रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में आयोग के हस्तक्षेप से उपलब्ध करायी गयी। इससे पीड़ित व उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और वे पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हुए।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उत्पीड़न से संबंधित गम्भीर प्रकरणों में प्रदेश के आजमगढ़, शाहजहांपुर, आगरा, औरैया, इटावा, बदायूं, बरेली, कानपुर नगर, अलीगढ़, फतेहपुर और अमरोहा जनपदों में आयोग की टीम भेजकर जांच करायी गई।
अध्यक्ष श्री रामबाबू हरित ने की प्रेसवार्ता
जून 2021 से मई 2022 तक आयोग द्वारा 4262 प्रकरण निस्तारित
लखनऊ: 31 मई 2022
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रामबाबू हरित ने आज इन्दिरा भवन के अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि जून 2021 से मई 2022 तक आयोग में कुल 6210 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 4262 प्रकरणों में संबंधित विभागों से आख्याएं मंगाकर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया।
आयोग द्वारा 31 अगस्त 2021 से पूर्व में विचाराधीन 342 और 328 नये प्रकरण तथा कुल 670 प्रकरणों की सुनवाई की गई। सुनवाई के उपरान्त 448 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। शेष 222 प्रकरणों में अग्रिम सुनवाई नियत है।
उन्होंने कहा कि आयोग को जो भी शिकायतें मिलती हैं उनका संज्ञान लेकर त्वरित निस्तारण कराया गया। आर्थिक सहायता से संबंधित मामलों में 92 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पीड़ित परिवार को 01 करोड़ 74 लाख 91 हजार 250 रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में आयोग के हस्तक्षेप से उपलब्ध करायी गयी। इससे पीड़ित व उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और वे पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हुए।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उत्पीड़न से संबंधित गम्भीर प्रकरणों में प्रदेश के आजमगढ़, शाहजहांपुर, आगरा, औरैया, इटावा, बदायूं, बरेली, कानपुर नगर, अलीगढ़, फतेहपुर और अमरोहा जनपदों में आयोग की टीम भेजकर जांच करायी गई।
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