हिंदी संवाद न्यूज़
ब्यूरो रिपोर्ट

*भगवान नरसिंह जयंती की कथा* :
14 मई 2022 (शनिवार)

अपनी बहन होलिका तथा भाई हिरण्याक्ष के बाद दुष्ट राजा हिरण्यकश्यप भयंकर क्रोध में जलने लगा और सबसे पहले भक्त प्रहलाद को समाप्त कर देना चाहता था। इसके लिए उसने गर्म लोहे का एक खंभा तैयार किया और भक्त प्रहलाद को खम्बे से लिपट जाने को कहा।

भक्त पहलाद ने *'ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः'* का जाप करते हुये उस खंभे का आलिंगन कर लिया और भगवान विष्णु की कृपा से वह खंबा अपने आप ही शीतल पड़ गया।

यह सब देख हिरण्यकश्यप को बहुत ही क्रोध आया और उसने भक्त प्रहलाद को उसी खम्बे से बाँधने का आदेश दिया तथा मारने के लिए अपनी तलवार निकाली और उसकी तरफ बढ़ने लगा।

और बोला आज तेरी मृत्यु निश्चित है। अगर तेरा भगवान इस खंभे में है तो उससे कह कि वह तेरी रक्षा करने आ जाए। जैसे ही हिरणकश्यप ने भक्त प्रहलाद को मारने के लिए तलवार उठाई, अचानक एक जोरदार धमाका हुआ और खम्भा फट के चूर-चूर हो गया तथा उस खंभे में से भगवान विष्णु *'नरसिंह अवतार'* में प्रकट हो गए। उनका आधा भाग सिंह का और आधा भाग मनुष्य का था।

उन्होंने हिरण्यकश्यप की तलवार को तोड़ दिया तथा हिरण्यकश्यप और भगवान नरसिंह के बीच बहुत देर तक युद्ध हुआ। भगवान नरसिंह ने हिरणयकश्यप अभिमानी की सारी शक्तियों को नष्ट कर दिया, जिससे उसका घमंड चूर-चूर हो गया।

फिर हिरण्यकश्यप को अपनी जांघों पर उठाकर महल की चौखट पर रखकर शाम के समय अपने तेज नाखूनों से चीर दिया तथा अधर्मी राक्षस से इस पृथ्वी को फिर से मुक्त किया।
#ईश्वर_सत्य_है 
🚩 जय श्री नरसिंह भगवान 🚩
🚩 जय श्री हरि 🚩

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने